स्मार्टफोन के साथ सोने से कैंसर का खतरा, जानें ऐसी आदतों के साइड इफेक्ट

  नई दिल्ली. कुछ रोज़मर्रा की आदतें हैं जो कई लोगों में देखी जाती हैं, लेकिन गंभीरता से नहीं ली जातीं। जैसे कुछ लोग दांतों से नाखून चबाते हैं या कुछ बार-बार अपनी उंगलियां चटकाते हैं। ये और ऐसी ही कुछ आदतों के क्या नुकसान हैं, जानते हैं साइंस की नजर से।   स्मार्टफोन लेकर सोना    बुरा प्रभाव- नींद उड़ जाती है, हो सकता है कैंसर    विल कॉर्नल सेंटर फॉर स्लीप मेडिसिन में असिस्टेंट प्रोफेसर डायने आगली के अनुसार, स्मार्टफोन से निकलने वाली नीली-हरे रंग की रोशनी और तरंगे नींद उड़ा देती है और सोने नहीं देती। शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन का प्रभाव कम होने लगता है, इस हार्मोन से ही हम सबको नींद आती है। नेशनल अकेडमी ऑफ साइंस के अनुसार, मेलाटोनिन हार्मोन का असर कम होने से स्तन, कोलोरेक्टल और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।    (कंटेंट- अंबर ब्रेंजा और कत्थकोली दास गुप्ता)   आगे की स्लाइड्स में पढ़िए, हमारी रोजमर्रा की छोटी-छोटी आदतों के बुरे प्रभाव… 

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