‘आखिरी सफर’ पर जाने से पहले फूट-फूट कर रोया जिहादी

जफर अल-तय्यर इतना बड़ा नहीं था कि वह दाढ़ी बढ़ा सके। यह बात और है कि वह विस्फोटकों से भरे टैंक में खुद को उड़ाने जा रहा था। उजबेकिस्तान के इस किशोर आतंकी को आखिरी पलों में शायद यह अहसास हुआ की कि जो कुछ वह करने जा रहा है, वह पागलपन है।


जफर को गले लगाकर सांत्वना देते दूसरे जिहादी

टैंक में सवार होने से पहले जफर फूट-फूट कर रोने लगा। रोता देख दूसरे जिहादी ने उसे समझाने और सांत्वना देने की कोशिश की। उसने उसे परंपरागत जिहादी तरीके से समझाया,’जफर, मेरे भाई, डरो मत। जब भी डर लगे, अल्लाह को याद करो।’

इसके बाद वह अपने टैंक के साथ जल उठा। टैंक में ब्लास्ट से आस-पास के पूरे इलाके में सब कुछ ऐसे धुंआ-धुआं हो गया जैसे धुंए के बादल मंडरा रहे हों। जफर सीरिया में सक्रिय इमाम बुखारी जमात नाम के आंतकी संगठन से ताल्लुक रखता था। यह संगठन अलकायदा का सहयोगी है।

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