साधारण बीमा कंपनियां बढ़ा सकती है प्रीमियम की दरें, विनियामक भी पक्ष में

मुंबई, 13 मार्च भाषा साधारण बीमा कंपनियां अपने कारोबार के कई क्षेत्रों में दावा निपटान में लगातार बढते घाटे और ब्याज दरों में गिरावट जैसे कारणों से कुछ खंडों में बीमा प्रीमियम की दरें 10-15 प्रतिशत तक बढाने की योजना बना रही हैं ताकि उनका कारोबार लाभदायक बना रहे।

ब्याज दरें घटने से इन कंपनियों की निवेश आय भी प्रभावित हो रही है।

भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्रधिकरण इरडा भी मोटर वाहन तीसरा-पक्ष बीमा तथा समूह स्वास्थ्य बीमा योजना जैसे क्षेत्रों में पहली अप्रैल से प्रीमियम की दरें बढाये जाने का संकेत दे चुका है।

इरडा के सदस्य साधारण बीमा, जी जे जोसफ ने पीटीआई भाषा से बातचीत में कहा, कीमतें बहुत नीचे आ गयी हैं।, प्रीमियम बढाए जाते हैं तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा।

बीमा कंपनियों ने ऐसे 10 क्षेत्रों की पहचान की है जहां उन्हें प्रीमियम की दर बढ़ना जरूरी लगता है। इनमें प्रापर्टी खंड में सीमंेट और बिजली तथा फार्मा के साथ ही समूह स्वास्थ्य बीमा योजना का क्षेत्र शामिल है। अगले वित्त वर्ष :आगामी पहली अप्रैल: से वे इन क्षेत्रों में प्रीमियम 10-15 प्रतिशत तक बढ़ा सकती हैं।

नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सनत कुमार ने कहा, बजार में प्रतिस्पर्धा इतनी जबरदस्त है कि हमारे लिए प्रीमियम बढ़ाने की गुंजाइश बहुत कम है। बावजूद इसके हम कुछ बड़े घाटे वाले क्षेत्रों में प्रीमियम में 10 प्रतिशत या उससे कुछ अधिक वृद्धि के लिए जीआईसी-री :पुनर्बीमा कंपनी: से बातचीत कर रहे हैं।

न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक जी श्रीनिवासन ने कहा कि उनकी कंपनी आगामी वित्त वर्ष में अग्नि अैर ग्रुप हेल्थ क्षेत्र में प्रीमियम बढा सकती है। उन्होंने कहा कि प्रीमियम गिर कर आवश्यकता से भी कम दर पर आ गए हैं।

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