वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए सुधा तैयार, लेकिन एएफआई कोच ने मना किया

नई दिल्ली
वर्ल्ड ऐथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम के चयन को लेकर चल रहे विवाद ने रविवार को एक और नाटकीय मोड़ ले लिया। हुआ यूं कि 3000 मीटर स्टीपलचेज की एथलीट सुधा सिंह का नाम आईएएएफ की प्रवेश सूची में शामिल था। लेकिन एएफआई ने इस वैश्विक प्रतियोगिता में उनकी भागीदारी से साफ इन्कार कर दिया है। सुधा उन तीन ऐथलीटों में शामिल है जिन्हें भारतीय ऐथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने हाल में भुवनेश्वर में एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने के बावजूद 24 सदस्यीय टीम में नहीं रखा।

लेकिन आश्चर्यजनक रूप से उनका नाम अंतरराष्ट्रीय ऐथलेटिक्स महासंघ (आईएएएफ) की कल रात जारी गई सूची में भारतीय प्रतिभागियों में शामिल था। अभी धर्मशाला में अभ्यास कर रही सुधा ने कहा, ‘मुझे अभी पता चला है कि मेरा नाम वर्ल्ड चैंपियनशिप की प्रवेश सूची में है। मुझे अभी तक एएफआई से किसी ने नहीं बताया कि मुझे टीम में शामिल किया गया है या नहीं। लेकिन मैं लंदन में दौड़ने के लिये तैयार हूं।’

लंदन ओलिंपिक 2012 और रियो ओलिंपिक 2016 के अलावा वर्ल्ड चैंपियनशिप 2015 में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी सुधा ने कहा, ‘मेरा वीजा तैयार है और जैसे ही एएफआई वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेरे भागीदारी के बारे में कहेगा, मैं लंदन रवाना होने के लिए तुरंत ही तैयार रहूंगी। मेरा नाम पहले टीम में शामिल नहीं था, लेकिन मुझे उम्मीद थी (कि मुझे बाद में शामिल किया जा सकता है) और इसलिए मैंने कानूनी रास्ता नहीं अपनाया। (जैसे कि पी. यू. चित्रा ने किया)।’

लेकिन एएफआई का विचार हटकर है तथा अधिकतर भारतीय प्रतिभागियों के साथ लंदन पहुंच चुके भारत के सहायक राष्ट्रीय कोच राधाकृष्णन नायर ने कहा कि सुधा चैंपियनशिप में भाग नहीं रही है। नायर से जब पूछा गया कि क्या सुधा विश्व चैंपियनशिप की 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा में हिस्सा लेगी, उन्होंने कहा, ‘नहीं, वह विश्व चैंपियनशिप में भाग नहीं ले रही है।’

यह अब भी साफ नहीं हो पाया कि 23 जुलाई को 24 सदस्यीय टीम घोषित करने के बाद एएफआई ने सुधा का नाम शामिल किया या फिर महासंघ के अधिकारियों की गलती से उनका नाम आईएएएफ प्रवेश सूची में शामिल हो गया। एएफआई का कोई भी अधिकारी इस पर स्पष्ट नहीं बता पाया कि सुधा का नाम महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज में आईएएएफ की प्रवेश सूची में कैसे शामिल हो गया। लेकिन एएफआई सूत्रों ने गोपनीयता की शर्त पर कहा कि यह किसी अधिकारी की गलती का परिणाम हो सकता है, जो कि ऑनलाइन तैयार की गई आखिरी प्रवेश सूची से सुधा का नाम नहीं हटा पाया।

सूत्र ने कहा, ‘यह ऑनलाइन प्रवेश सूची है तथा प्रत्येक महासंघ को आईएएएफ से पासवर्ड मिला है, जिससे वह अपने ऐथलीटों के नाम वहां लिख सकें। प्रत्येक महासंघ ने एक शुरुआती सूची तैयार की थी जो कि काफी बड़ी थी और उसमें वे नाम भी शामिल थे, जो क्वॉलिफाई करने के करीब हैं। इसके बाद महासंघ ने आखिरी सूची तैयार की और उनका नाम हटा दिया जो टीम में जगह नहीं बना पाए।’

उन्होंने कहा, ‘हो सकता है कि एएफआई ने अंतिम सूची तैयार करते समय सुधा का नाम नहीं हटाया हो और इसलिए आईएएएफ सूची में उनका नाम है। यह एएफआई अधिकारियों की चूक या गलती हो सकती है।’ इससे पहले पहले एशियाई चैंपियनशिप में महिलाओं की 1500 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीतने वाली पी. यू. चित्रा ने महाद्वीपीय प्रतियोगिता में जीत दर्ज करने के बावजूद टीम में शामिल नहीं करने पर केरल उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर कर दी थी।

एशियाई चैंपियनशिप के विजेता वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिये क्वॉलिफाई करते हैं, लेकिन आईएएएफ के नियम स्पष्ट हैं कि राष्ट्रीय महासंघों के पास महाद्वीपीय चैंपियनशिप के विजेताओं को नहीं भेजने का अधिकार है। उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एएफआई को आदेश दिया कि वह चित्रा को भारतीय टीम में शामिल करे। खेल मंत्रालय ने भी चित्रा को टीम में लेने को कहा और इसलिए राष्ट्रीय महासंघ ने आईएएएफ से ऐसा करने के लिए कहा। अब चित्रा को शामिल किया जाएगा या नहीं इसका फैसला आईएएएफ करेगा।

अगर आईएएएफ चित्रा को शामिल करने का आग्रह स्वीकार कर लेता है, तो उन्हें तुरंत ही लंदन रवाना होना पडे़गा और उनका वीजा भी तैयार है। सुधा, चित्रा और अजय कुमार सरोज (एशियाई चैंपियनशिप में पुरुषों की 1500 मीटर के विजेता) को इस आधार पर टीम में नहीं रखा गया कि उन्होंने आईएएएफ क्वॉलिफाइंग मानदंड के अनुरूप प्रदर्शन नहीं किया था या फिर जूनियर रेकॉर्ड से भी खराब प्रदर्शन किया।

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