राहुल मिले आदिवासी, सड़क पर उतरकर करेंगे आंदोलन

नई दिल्ली
मोदी सरकार पर लगातार हमलावर रही कांग्रेस को अपने हमलों का कोई नतीजा मिलता नहीं दिख रहा है। ऐसे में पार्टी ने तय किया है कि वे जनता के मुद्दों को लेकर सड़क पर उतरेगी। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस आने वाले दिनों में आदिवासी मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएगी।

इसका एक संकेत बुधवार को कांग्रेस के वॉर रूम में हुई एक अहम मीटिंग में मिला। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने देश के तमाम राज्यों से आए लगभग सौ से ज्यादा आदिवासी प्रतिनिधियों से मुलाकात की। चार घंटे से ज्यादा चली मुलाकात में झारखंड, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान, आन्ध्रप्रदेश जैसे राज्यों से आदिवासी प्रतिनिधि पहुंचे थे।

मीटिंग में राहुल के सामने ओडिशा के पूर्व सीएम हेमानंद बिस्वाल ने सरकार से नक्सलियों से निपटने के लिए गोरखा रेजिमेंट की तर्ज पर आदिवासी रेजिमेंट बनाने की मांग की वकालत की। उनकी मांग का ज्यादातर लोगों ने समर्थन किया। राहुल ने इस मुद्दे पर पार्टी में गंभीरता से विचार करने का भरोसा दिलाया।

मीटिंग में संगठन में एससी को तव्वजो देने की तर्ज पर अब एसटी को भी तव्वजो देने की बात हुई। ऐसे में संगठन में अब आदिवासी महासचिव बनाने का भी फैसला लिया गया। आने वाले दिनों में कांग्रेस जल जंगल कानून को लागू करने में मोदी सरकार का ढीला रवैया, खनन के पट्टों का आदिवासियों को उचित मुआवजा, आदिवासियों हितों के लिए कोई नई योजना नहीं, कई योजनाएं बंद और नर्मदा बांध के आस पास रहने वाले आदिवासियों को पानी नसीब नहीं ना होना जैसे मुद्दों को लेकर सड़क पर उतरने की योजना बना रही है।

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