मंदिरों पर न हो सरकारी नियंत्रण, अनुयायियों को ही मिले व्यवस्था का अधिकार

समझना होगा कि ये देवस्थान हिंदू धर्म के केंद्र अवश्य हैं किंतु इनके अपने रीति रिवाज हैं। मंदिरों के संचालन व उनकी आर्थिक व्यवस्था पर कई राज्यों में सरकारी नियंत्रण का प्रयास किया गया तथा कई राज्यों में अब किया जा रहा है जिसे उचित नहीं कहा जा सकता।

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