बेटी अनुप्रिया पटेल को मात देने में जुटीं कृष्णा पटेल

दिनेश चंद्र मिश्र, वाराणसी

कहावत है राजनीति और मोहब्बत में सब जायज है। यह बात सूबे की राजनीति में पिछड़ों की रहनुमाई का दावा करने वाले अपनादल के भीतर ही नहीं अब सड़क पर भी दिखाई दे रही है। राजनीति के कारण मां-बेटी के बीच चल रही वर्चस्व की जंग अब एक-दूसरे को सियासी पटकनी देने के मकसद में बदल गई है। सांसद बेटी को उसके राजनीतिक गढ़ में ही हराने के लिए सियासी मां 23 अगस्त को अपनी ताकत दिखाने जा रही है, वहीं बेटी भी अपनी राजनीतिक ताकत संगमनगरी में दिखाएगी।

प्रदेश की राजनीति में मां-बेटी के बीच चल रहा सियासी संघर्ष पार्टी का बैंक खाता सीज होने के बाद सड़क पर आ गया है। मोदी लहर में दो संसदीय सीटों पर कब्जाने वाले अपनादल की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल और राष्ट्रीय महासचिव व सांसद अनुप्रिया पटेल राजनीतिक मैदान में एक-दूसरे को किस तरह मात देती हैं? यह देखना काफी दिलचस्प होगा।

कभी मां के लिए सहारा रही अनुप्रिया पटेल ने सांसद बनते ही मां और बड़ी बहन पल्लवी पटेल से न केवल किनारा कर लिया बल्कि अपना दल से बेदखल करने के लिए निवार्चन आयोग के साथ लोकसभाध्यक्ष तक के यहां दावेदारी प्रस्तुत कर दी। अब मां कृष्णा पटेल सांसद अनुप्रिया पटेल को उनकी कर्मभूमि में मात देने के लिए 23 अगस्त को मिर्जापुर के जीआईसी मैदान में जनसभा कर रही हैं।

जनसभा को सफल बनाने के लिए कृष्णा पटेल पूरी टीम के साथ जुटी हुई हैं। वहीं कोर्ट से सजा मिलने के बाद विधायकी से बर्खास्त किए गए माफिया उदयभान उर्फ डॉक्टर सिंह की पत्नी रीता सिंह के आ जाने से ठाकुरों का एक गुट कृष्णा पटेल के साथ आ गया है। उसी दिन मां को अपनी ताकत दिखाने के लिए अनुप्रिया भी इलाहाबाद के मेजा में सभा कर रही हैं।

मां-बेटी के झगड़े में डंप हैं ढाई करोड़

मिजार्पुर की सांसद अनुप्रिया पटेल का मां से झगड़े के कारण मिर्जापुर विकास कार्य पूरी तरह ठप हो गया है। सांसद चुने जाने के एक वर्ष से ज्यादा समय के बाद भी सांसद निधि से फूटी कौड़ी नहीं खर्च की गई। सांसद निधि में भेजी गई ढाई करोड़ की धनराशि बगैर उपयोग के खाते में डंप पड़ी है। हाल ही में क्षेत्रीय जनता के दबाव में सांसद अनुप्रिया पटेल ने सांसद निधि से विकास कार्य कराने के लिए डीआरडीए को आधा दर्जन कार्यों का प्रस्ताव भेज दिया, पर अभी तक इनका डीपीआर तैयार न होने के कारण बजट ही नहीं जारी किया गया है।

बनारस में भी अपना दल के खाते पर रोक

अपना दल के लखनऊ स्थित पंजाब नेशनल बैंक खाते के संचालन पर रोक के लिए पत्र भेजे जाने से अनुप्रिया और कृष्णा पटेल के बीच छिड़ी जंग सतह पर आ गई है। पीएनबी बनारस की शाखा के प्रबंधक ने भी अपनादल के खाता संचालन पर भी रोक लगा दिया।

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