प्याज की महंगाई पर सारा फोकस, पर दालों की महंगाई भी तोड़ रही है कमर

दीपक के. दास, नई दिल्ली

आम आदमी को इस वक्त प्याज रुला रहा है पर यदि बाजार पर गौर करें तो प्रोटीन देने वाली दालों में भी महंगाई का तड़का लगा है। कई दालें तो ऐसी हैं, जो 100 रुपये प्रति किलो बिक रही हैं।

गौर करने वाली बात यह कि राजनीतिक तौर पर प्याज की महंगाई को ही तवज्जो मिल रही है। तमाम सियासी उपायों के बाद भी दालों के दाम नहीं थम रहे हैं। पिछले महीने के आंकड़े बता रहे हैं कि दालों ने जबर्दस्त उछाल मारा है, जबकि मीडिया समेत सभी की नजर प्याज पर है।

कहा जा रहा है कि नवंबर तक दालों के दामों की इस तेजी में कोई सुधार नहीं दिखेगा। प्रोटीन के महत्व को देखते हुए दालों की महंगाई सिर चढ़ रही है। इसके पीछे कई अन्य कारण हैं। हालात में सुधार की गुंजाइश तभी देखने को मिल सकती है, जब घरेलू स्टॉक बाजार में दस्तक देगा।

सरकार के अरहर, उड़द के आयात से भी कीमतों पर कोई खास असर नहीं पड़ा है। बीते महीने के मुकाबले अरहर की दाल में 30 रुपये प्रति केजी की बढ़त दर्ज की गई है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल से सितंबर के बीच दामों में 50 रुपये प्रति केजी की महंगाई आई है।

एक पहलू यह भी है कि जब सरकारी रिपोर्ट में अरहर के दाम 135 रुपये प्रति केजी दिखाए जा रहे थे, तब बाजार में यह 150 रुपये प्रति केजी फुटकर में बिक रही थी। गुरुवार को पुडुचेरी में अरहर का अधिकतम दाम 155 रुपए प्रति केजी रहा जबकि पणजी में 138 रुपये पर दाल बिकी।

माना जा रहा है कि नई फसल आने पर नवंबर में दालों के दामों में गिरावट आएगी। यह भी राय दी जा रही है कि ग्राहक अरहर के अलावा बाकी दालें भी प्रयोग करें, जिसका भी बाजार पर असर पड़ सकता है।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

Navbharat Times