पुखरायां पहुंची एनआईए ने रेल हादसे की जांच शुरू की

कानपुर
राजेंद्र नगर एक्सप्रेस डीरेलमेंट मामले की जांच करने के लिए नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) की टीम शनिवार को पुखरायां पहुंची। एनआईए के आईजी अलोक मित्तल टीम के साथ दो घंटे घटनास्थल पर गुजारे। उन्होंने घटनास्थल के आसपास जांच की और पुलिस अफसरों से भी बात की। कानपुर देहात के एसपी प्रभाकर चौधरी के मुताबिक टीम ने शनिवार को घटनास्थल का जायजा लिया। रविवार को वे जांच करेंगे।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक शनिवार शाम चार बजे एनआईए के आईजी आलोक मित्तल के साथ एक टीम पुखरायां के दलेल नगर पहुंची। टीम के साथ कानपुर देहात पुलिस के अधिकारी भी मौजूद थे। टीम ने दो घंटे तक क्षतिग्रस्त कोच, पटरियों और आसपास के इलाके का निरीक्षण किया। काफी देर तक पुलिस अधिकारियों से भी बातचीत की गई।


घटनास्थल का जायजा लेते एनआईए अधिकारी।

एनआईए की टीम रविवार को टीम घटनास्थल पर दोबारा आकर अपने तरीके से फरेंसिक जांच करेगी और सबूतों की तलाश करेगी। आईजी आलोक मित्तल ने बताया कि जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।

सीआरएस की रिपोर्ट अलग
पटना एक्सप्रेस एक्सिडेंट की जांच करने वाले कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) ने अपनी रिपोर्ट चीफ कमिश्नर रेलवे सेफ्टी को सौंप दी है। शनिवार को कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अंतरिम रिपोर्ट में हादसे के पीछे तोड़फोड़ की आशंका को नकारा गया है। इसमें कहा गया है कि एक्सिडेंट के कुछ अन्य कारणों के अलावा एक कारण पुराने कोच और कैरिज-वैगन की गड़बड़ियां और कोच के पहियों का अलाइनमेंट गड़बड़ होना था।


ट्रेन हादसे के आसपास के इलाके की भी एनआईए ने जांच की।

यह है मामला
बिहार के मोतिहारी में बीते दिनों पकड़े गए कुछ संदिग्धों ने दावा किया था कि पुखरायां में 20 नवंबर को राजेंद्र नगर एक्सप्रेस के डीरेलमेंट के पहले ट्रैक पर आईईडी ब्लास्ट हुआ था। उन्होंने कहा था कि हादसे के पीछे पाकिस्तान की एजेंसी आईएसआई है। हालांकि कथित संदिग्ध मोती बाद में अपने बयान से पलट गया था।

यूपी एटीएस, बिहार पुलिस और कई अन्य एजेंसियों की जांच के बाद इस संबंध में कोई ठोस सबूत नहीं मिला पाया है। पुख्ता सबूत मिलने की उम्मीद में तीन दिन पहले गृह मंत्रालय ने जांच एनआईए को ट्रांसफर कर दी थी। पिछले हफ्ते ही एक फरेंसिक टीम ने पुखरायां और रूरा में एक्सिडेंट साइट का दौरा कर कथित सबूत इकट्ठे किए थे। हालांकि इस जांच में भी टीम को विस्फोटक या किसी और गड़बड़ी के निशान नहीं मिले थे। बता दें कि इस हादसे में 152 लोगों की मौत हो गई थी।

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