पीएम मोदी का मुरीद क्यों है अमेरिका का पटेल समुदाय?

इशानी दत्तागुप्ता

एक ओर जहां गुजरात में आरक्षण को लेकर पाटीदार समुदाय प्रधानमंत्री मोदी का विरोध कर रहे हैं, वहीं अमेरिकी पाटीदार समुदाय पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान उनके लिए पलकें बिछाए हुए हैं। इन पाटीदारों में ज्यादातर अमेरिका में होटेल व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय-अमेरिका होटेल व्यवसायी के पास करीब 20,000 प्रॉपर्टीज हैं जो वहां के समस्त होटेल का 40 फीसदी हैं। इन होटेल में करीब 70 फीसदी गुजरातियों के हैं। ये पटेल समुदाय पीएम मोदी के पक्के समर्थक हैं। आइये जानते हैं कि दो पटेल समुदायों, एक अमेरिकी और दूसरा गुजरात, के बीच पीएम मोदी को लेकर इतनी बड़ी दरार क्यों है?

एशियन अमेरिकन होटेल ओनर्स असोसिएशन (आहोआ) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबसे बड़ा सपॉर्ट बेस है। यह असोसिएशन 14,500 छोटे व्यवासियों का प्रतिनिधित्व करता है। इस संगठन ने 2005 में संगठन के एक वार्षिक कॉन्फ्रेंस में मोदी को आमंत्रित करने में अहम भूमिका निभाई थी। इस बार अमेरिका के प्रधानमंत्री के दूसरे दौरे के दौरान आहोआ के सदस्य बहुत ही उत्साहित हैं। उनलोगों ने मोदी की बोल्ड लीडरशिप की प्रशंसा की है। भारतीय-अमेरिकी समुदाय को तरजीह देने के कारण वे पीएम मोदी के मुरीद बने हुए हैं।

अमेरिका में पटेलों द्वारा पीएम मोदी के विरोध पर पीचस्टेट हॉस्पिटैलिटी के डैनी पटेल ने बताया, ‘अमेरिका में गुजराती पाटीदार समुदाय का बहुत ही छोटा वर्ग पीएम मोदी के विरोध में प्रदर्शन की अगुवाई कर रहा है। वे राजनीतिक रूप से प्रेरित लोग हैं। हम सभी होटेल मालिक हैं और हमें अपने बिजनस को चलाने की चिंता है। हमारे पास इस तरह की विघटनकारी गतिविधियों के लिए समय नहीं है।

आहोआ के पूर्व चेयरमैन और आंत्रप्रन्योर मुकेश जे.मॉजी ने कहा कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय को मोदीजी की सिलिकन वैली की यात्रा पर बहुत ही गर्व है। ध्यान रहे कि 2005 में आहोआ के वार्षिक सम्मेलन में मोदी को अमेरिका आमंत्रित करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। जब उनसे गुजरात में आरक्षण मामले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह भारत का घरेलू मामला है और अमेरिका में गुजराती समुदाय के लिए यह कोई मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘भारतीय-अमेरिकी होटेल व्यवसायी उन मामलों का कोई हल नहीं कर सकते हैं तो वे इस मामले में क्यों बोले। लोकतंत्र के हित में यही सही है कि भारत सरकार मेज पर बैठे और आरक्षण के हिमायती नेताओं के साथ भारत में ही उस पर चर्चा करे।’

यही कारण है कि अमेरिका के पटेल पीएम मोदी के मुरीद बने हुए हैं। पीएम मोदी के दौरे से इस समुदाय को एक नई ऊर्जा मिली है।

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