पनामा पेपर्स लीक्स से ध्वस्त हुई पूंजीवाद की थिअरी: एडवर्ड मिलिबैंड

लंदन
ब्रिटेन में लेबर पार्टी के पूर्व नेता एडवर्ड मिलिबैंड ने कहा कि पनामा पेपर्स के खुलासे ने हमें सबूत मुहैया करा दिए हैं कि संपत्ति का ट्रिकल डाउन (रिसकर निचले तबके में आना) नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि संपत्ति का ट्रिकल डाउन नहीं बल्कि छुपायी जा रही है। पनामा पेपर्स के व्यापक खुलासे के दो हफ्ते बाद मिलिबैंड ने यह बात कही है। इस खुलासे में दुनिया भर के हजारों ताकतवर लोगों के नाम सामने आए हैं जिन्होंने टैक्स से बचने के लिए अपनी अवैध संपत्तियों को छुपाने का काम किया।

पूर्व लेबर नेता ने कहा कि पनामा लीक्स से साबित हो गया है कि पूंजीवाद के बारे में जो आम धारणा है वह फर्जी है। ऑब्जर्वर को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘मैं समझ सकता हूं कि ब्रिटेन के प्रधामंत्री डेविड कैमरन अपने पिता का बचाव क्यों कर रहे हैं। रीगन और थैचर के बाद 30 सालों तक बुनियादी सोच यह थी कि धनकुबेरों की संपत्ति रिसकर नीचे तक जाएगी। मेरे लिए पनामा लीक्स इस मामले में सबसे बड़ा सबक है। सच यह है कि संपत्ति का ट्रिकल डाउन नहीं हो रहा बल्कि इसे छुपाया जा रहा है।’

लेबर पार्टी के पूर्व नेता लो बजट डॉक्युमेंट्री को प्रमोट करने में मदद कर रहे हैं। इस डॉक्युमेंट्री में सात परिवारों के बीच संपत्तियों की विषमता की शिनाख्त की गई है। इसमें अमेरिका और ब्रिटेन की स्थिति का आकलन है। फिल्म के बारे में मिलिबैंड ने कहा, ‘इसमें लोगों के जीवन का ताना-बाना है। इसमें मध्य वर्ग के व्यक्ति के जीवन का तनाव है। लोगों में अपनी जॉब को लेकर असुरक्षा की भावना है। यह नेता के रूप में एक लड़ाई है कि हम इसके प्रभाव को कैसे स्थापित करें।

मिलिबैंड ने कहा, ‘देखिए कि अमेरिका में बर्नी सैंडर्स एक मुद्दे के साथ कैसे कैंपेन कर रहे हैं। और मैं एक अजीब बात कहने के लिए यह कहूंगा क्योंकि वह एक नीच कैंडिडेट है- डॉनल्ड ट्रंप की तरफ देखिएः वह असमानता के मुद्दे को उछाल रहे हैं। वह कह रहे हैं कि लोगों का जीवन स्तर दुष्चक्र में फंसा है और लोगों के जीवन के साथ यह क्या हो रहा है।’

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