प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान सऊदी अरब की छवि बदलना चाहते हैं?

रियाद
सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अपने मुल्क में भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ने को लेकर विश्व में सुर्खियां बटोर रहे हैं। क्राउन प्रिंस का दर्जा संभालने के वक्त से ही प्रिंस अपने तौर-तरीकों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। प्रिंस मोहम्मद का कहना है कि उन्होंने अपने मुल्क को कट्टरपंथी छवि से मुक्त कर सऊदी अरब को आधुनिक देशों की कतार में लाने का संकल्प लिया है। इसके साथ ही प्रिंस का कहना है कि मेरी कोशिश है कि मैं दुनिया में यह संदेश दे सकूं कि मेरा देश सिर्फ तेल पर निर्भर नहीं है।

प्रिंस मोहम्मद को अपने पिता सलमान बिन अब्दुलअज़ीज ने पिछले 3 साल में बेटे को बेहिसाब ताकत सौंपी है। इस युवा प्रिंस ने सत्ता में अपनी भागीदारी भी लगातार बढ़ाई है। देश में आर्थिक सुधारों से लेकर पड़ोसी देश यमन के साथ जंग जैसे हालात हों, हर मोर्चे पर प्रिंस खुलकर सुनियोजित रणनीति के साथ सामने आ रहे हैं।

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शाही राजनीति में नाटकीय घटनाक्रम
इस साल जून में प्रिंस मोहम्मद ने अपने रिश्तेदार भाई प्रिंस मोहम्मद बिन नायफ (एमबीएन के नाम से लोकप्रिय) को शाही प्रिंस के तख्त से उतारकर खुद उस पर कब्जा किया। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को प्रिंस के एक बेहद करीबी सूत्रों ने कहा, ‘एमबीएन को क्राउन प्रिंस के दर्जे से हटाना देशहित में किया गया काम था। एमबीएन बहुत ज्यादा नशे में रहता है और उसे कोकिन और मॉर्फिन जैसे नशीली चीजों की लत है।’

भ्रष्टाचार के खिलाफ मिशन
प्रिंस मोमम्मद इस वक्त पूरी दुनिया की मीडिया में भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई को लेकर चर्चा में हैं। पिछले दिनों उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोप में अपने शाही परिवार के ही 11 भाइयों के साथ देश की कई बड़ी नामचीन हस्तियों और बिजनसमैन को हिरासत में ले लिया है। उनके इस कदम को सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए उठाया कदम भी माना जा रहा है।

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यमन पर हमला

प्रिंस मोहम्मद ने पड़ोसी राष्ट्र यमन पर मार्च 2015 में हमला करवाया था। बतौर रक्षा मंत्री रहते हुए प्रिंस के इस कदम को युद्ध समर्थक नेता के तौर पर देखा जाने लगा। अपने इस कदम को उन्होंने यमन में ईरान की बढ़ती दखलअंदाजी पर लगाम लगाने की कोशिश का नाम दिया था।

ईरान पर रखते हैं खास नजर
मध्य एशिया में अपने वर्चस्व का परचम लहराने के लिए प्रिंस मोहम्मद की नजर लगातार ईरान पर बनी रहती है। ईरान के साथ सऊदी की प्रतिद्वंदिता किसी से छुपी नहीं है। ईरान को अलग-थलग करने के लिए प्रिंस मोहम्मद ‘सुन्नी गठजोड़’ का सहारा लेते हैं ताकि तेहरान को बाकी दुनिया से काटा जा सके।

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