ठेकों पर पाबंदी, पंजाब चुनाव के लिए तो नहीं : यादव

नगर संवाददाता
दिल्ली सरकार की ओर से राजधानी में एक साल तक शराब की नई दुकान नहीं खोलने के फैसले पर आम आदमी पार्टी के पुराने साथियों ने सवाल खड़े किए हैं। स्वराज अभियान के संस्थापक सदस्य योगेंद्र यादव ने कहा है कि यह पाबंदी कहीं पंजाब चुनाव तक के लिए तो नहीं है।

यादव ने सरकार के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि एक साल शराब के नए ठेके नहीं खुलेंगे। पहली नजर में लगता है यह अच्छी बात कही। स्वागत होना चाहिए। लेकिन जरा ध्यान से देखें तो कई सवाल उठते हैं। घोषणा सिर्फ एक साल के लिए क्यों? कहीं नजर सिर्फ पंजाब चुनाव तक ही तो नहीं? अगले साल तो नए ठेके नहीं खुलेंगे लेकिन जो पिछले साल खोले उनका क्या होगा? अभी तक सरकार ये सूचना भी क्यों नहीं दे रही कि सत्ता में आने के बाद से इस सरकार ने कितने नए ठेके खुलवाए, कितने नए लाइसेंस दिए?

पिछले साल भर में दिल्ली में शराब की खपत बढ़ी या कम हुई? उन्होंने कहा कि यह घोषणा सत्ता में आते ही क्यों नहीं की? पहले साल भर दारू के नए ठेके क्यों खोले थे? सोचा कि किसी को पता नहीं लगेगा? इस साल भी शराब नीति अप्रैल में घोषित होनी थी, अब तक सरकार क्या कर रही थी? दो हफ्ते पहले तक सरकार के ड्राफ्ट में नए ठेके न खोलने या मोहल्ला सभा की बात क्यों नहीं थी? पिछले दस दिन में सरकार का हृदय परिवर्तन क्यों हो गया? क्या यह स्वराज अभियान के भंडाफोड़ अभियान का असर था?

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