गठबंधन से इनकार के बाद माकन को AAP से मिली चुनौती

नई दिल्ली
2019 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली की 7 सीटों पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन के कयासों के बीच शनिवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सामने आए और उन्होंने साफ कह दिया कि आम आदमी पार्टी के साथ कोई चुनावी समझौता नहीं किया जाएगा। आम आदमी पार्टी ने माकन के इस बयान पर कोई आधिकारिक टिप्पणी तो नहीं की, लेकिन मुख्यमंत्री के सलाहकार नागेंद्र शर्मा ने माकन पर जोरदार हमला बोल दिया।

उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा कि एक जोकर एक दिन पहले लोकसभा की तीन सीट के ऑफर का सपना देखता है और अगले ही दिन उसे यह अहसास हो जाता है कि इस धरती पर एक ऐसी पार्टी को कोई एक भी सीट नहीं देगा, जो 2014 के लोकसभा चुनाव में सभी सात सीटों पर तीसरे नंबर पर रही है और चार सीटों पर जमानत जब्त हो गई हो। उन्होंने माकन को अपनी सीट घोषित करने की चुनौती भी दे डाली।

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माकन के इनकार के बााद आम आदमी पार्टी ने उन्हें नजरअंदाज करने की ठानी। आप के दिल्ली प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने माकन की टिप्पणी पर कहा कि मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता तो एक अन्य वरिष्ठ ने कहा, ‘हमें इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि माकन क्या कहते हैं और हमें लगता है कि कांग्रेस को भी इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह क्या कहते हैं।’

बता दें कि शनिवार को माकन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में चार से पांच बार पीएम मोदी को राक्षस कहा था। उन्होंने कहा कि 2012-13 अन्ना आंदोलन में किरण बेदी, बाबा रामदेव, जनरल वी. के. सिंह के साथ, आरएसएस और बीजेपी की बैकिंग के साथ मोदी नाम के इस राक्षस को खड़ा किसी ने किया है तो उसका नाम अरविंद केजरीवाल है। उन्होंने कहा कि वे लोग सेक्युलर अलायंस कर सकते हैं, लेकिन उन लोगों के साथ अलायंस कैसे कर सकते हैं, जिनके बारे में दिल्ली कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का कहना है कि इन्होंने मोदी जैसे राक्षस को खड़ा किया है।

शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माकन ने मीडिया में कांग्रेस और आप के 2019 के संसदीय चुनाव के लिए समझौता करने की खबरों को नकारते हुए कहा था कि आम आदमी पार्टी से चुनावी गंठबंधन न करने के दो कारण है। पहला यह है कि केजरीवाल सरकार दिल्ली में विकास के काम बिल्कुल नहीं कर रही है और दूसरा केजरीवाल की लोकप्रियता बड़ी तेजी से गिर रही है। इसके बाद मुख्यमंत्री के सलाहकार ने ट्वीट कर कहा कि पॉलिटिक्स में रिजेक्ट हो चुके माकन अब अपने हिसाब से चुनावी विश्लेषण कर रहे हैं, जिनकी पार्टी के कैंडिडेट की दिल्ली विधानसभा चुनाव में ज्यादातर सीटों पर जमानत जब्त हो गई थी। एक और ट्वीट में उन्होंने माकन का नाम लिए बिना कहा कि दिल्ली का कौन सा कांग्रेसी नेता बीजेपी में शामिल होने के लिए अमित शाह से मिला था?

दरअसल आम आम आदमी ने लोकसभा की पांच सीटों पर प्रभारियों के नामों की घोषणा कर दी और उसके बाद राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई। कांग्रेस और आप के लीडर्स के बीच मिलकर चुनाव लड़ने के कयास भी लगाए जाने लगे और इस पर आप के एक सीनियर लीडर की ओर से कहा गया कि कांग्रेस की टॉप लीडरशिप के साथ बातचीत चल रही है। उसके बाद शनिवार को अजय माकन सामने आए और उन्होंने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस नेता आप के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं है।

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