खेलों में भी घुल रहा जातिवाद का जहर, भारतीय ओलिंपिक खिलाडि़यों की जाति हो रही सर्च

खिलाड़ियों को खिलाड़ी ही रहने दें वरना उनको जाति और धर्म के बंधन में बांधने लगेंगे तो देश में खेलों का विकास अवरुद्ध हो जाएगा। हमें पता होना चाहिए कि खिलाड़ी सिर्फ एक खिलाड़ी होता है। हालांकि कुछ शक्तियां ही नहीं चाहतीं कि देश से जातिवाद खत्म हो।

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