क्या दस लाख का टारगेट पूरा कर पाएगी सरकार

रामेश्वर दयाल

दिल्ली सरकार अपना राजस्व बढ़ाने के लिए आज एक महत्वपूर्ण मोबाइल ऐप सर्विस शुरू कर दी है। इसके तहत दिल्ली के कारोबार अपना वैट रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए वैट ऑफिस न जाकर ऐप से ही यह काम कर सकेंगे। असल में सरकार ने टारगेट रखा है कि वह वैट रजिस्ट्रेशन में कारोबारियों की संख्या तीन लाख से बढ़ाकर 10 लाख तक ले जाए। वैसे रजिस्ट्रेशन करवाने की सुविधा तो पहले से ही ऑनलाइन जारी है। लेकिन सवाल यह है कि रजिस्ट्रेशन करवाने में कारोबारी दिलचस्पी दिखाएंगे।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली सचिवालय में आयोजित एक कार्यक्रम में डीवैट-एम सेवा की शुरुआत की। इस मोबाइल ऐप सर्विस के जरिए अब कारोबारी अपने मोबाइल फोन पर ही वैट विभाग में अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे। सरकार दावा कर रही है कि सेवा के शुरू होने के बाद कारोबारियों को तुरंत सर्टिफिकेट मिल जाएगा, वैट विभाग को कोई इंस्पेक्टर वेरिफिकेशन नहीं करेगा, जिससे कारोबारी को कोई परेशान नहीं होगी। लेकिन सूत्र बताते हैं कि रजिस्ट्रेशन करवाने की यह सुविधा तो पहले से ऑनलाइन उपलब्ध है और वहां रजिस्ट्रेशन करवाते ही कारोबारी को सर्टिफिकेट मिल जाता है और उसे किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती।

लेकिन सवाल यह है कि नई सुविधा लागू होने के बाद कारोबारी रजिस्ट्रेशन के लिए दिलचस्पी दिखा पाएंगे। वैट विभाग के सूत्रों के अनुसार असल में विभाग में अभी तक करीब तीन लाख कारोबारी ही रजिस्टर हो पाए हैं, जबकि दिल्ली का जो कारोबारी चरित्र है, उस हिसाब से इनकी संख्या करीब 10 लाख होनी चाहिए। इसलिए मोबाइल ऐप से उनकी संख्या बढ़ाने की कवायद की जा रही है। इस मसले पर दिल्ली के एक वरिष्ठ कारोबारी नेता का कहना है कि असल में टैक्स बचाने के लिए कारोबारी जानबूझकर रजिस्ट्रेशन नहीं करवा रहे हैं, दूसरे उनको लगता है कि एक बार रजिस्ट्रेशन करवा लेने से विभाग का शिंकजा उन पर कस जाएगा और उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इसलिए रजिस्ट्रेशन की संख्या बढ़ ही नहीं पा रही है। उनका कहना है कि जरूरी नहीं कि मोबाइल ऐप चालू होने से रजिस्ट्रेशन की संख्या में तेजी आए।

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