किसानों की प्रशासन को धमकी, पीछे नहीं हटेंगे

वरिष्ठ संवाददाता, कानपुर
घाटमपुर के किसान आंदोलन में किसी भी दिन अप्रिय घटना के आसार बनने लगे हैं। पुलिस-प्रशासन के बातचीत न करने पर किसान नेता निरंजन सिंह राजपूत ने कहा, ’31 दिसंबर तक सारी मांगें मान ली जाएं। ऐसा नहीं होने पर एक जनवरी को कुछ ऐसा होगा कि पूरी दुनिया देखेगी। हम अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।’ वहीं एसपी (रूरल) के मुताबिक, गिरफ्तारी से बचने के लिए ऐसे नाटक किए जा रहे हैं। वे बैठे रहें, कोई फर्क नहीं पड़ता।

लहुरीमऊ गांव में 21 नवंबर से किसानों का धरना चल रहा है। 18 दिसंबर को आंदोलन हिंसक हो गया था। इसके बाद भारतीय किसान यूनियन की पहल पर समझौता हुआ था, लेकिन निरंजन सिंह राजपूत ने इसे मानने से इनकार कर दिया। तीन दिन पहले जानकीदेवी धर्मशाला में वापस बैनर और माइक लगा लिए गए। किसानों की तादाद भी बढ़ने लगी है। दो दिन पहले घाटमपुर थाने से एक सब-इंस्पेक्टर धर्मशाला पहुंचे। किसानों ने उन्हें डीएम कौशल राज शर्मा के नाम एक ज्ञापन सौंपा।

गुरुवार को किसान नेता राजपूत ने कहा कि बिना मुआवजा, साथी की रिहाई और लिखित आश्वासन के कोई पीछे नहीं हटेगा। प्रशासन हमसे किसी और तरीके से निपटना चाहे तो निपट ले। किसान एफआईआर वापसी समेत सारे मुद्दों के निपटारे के लिए 31 दिसंबर तक वक्त दे रहे हैं। अगर मांगें नहीं मानी गईं तो एक जनवरी को कुछ ऐसा होगा कि पूरी दुनिया देखेगी। उन्होंने रणनीति के बारे में बताने से इनकार कर दिया।

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