ओलिंपिक मेडल जीतने के बाद आत्महत्या का विचार आने लगा था: माइकल फेल्प्स

लॉस एंजिलिस
23 ओलिंपिक गोल्ड मेडल जीतने वाले स्विमर माइकल फेल्प्स ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि ओलिंपिक-2012 के बाद एक वक्त ऐसा भी आया था, जब वह डिप्रेशन में चले गए थे और आत्महत्या के बारे में सोचने लगे थे। सिकागो में एक मेंटल हेल्थ कॉफ्रेंस में हिस्सा लेने पहुंचे फेल्प्स ने बताया कि वह किस तरह डिप्रेशन से बाहर निकल सके।

32 साल के इस स्टार स्विमर ने कहा, ‘हर ओलिंपिक के बाद मुझे लगता था कि मैं गहरे अवसाद चला गया हूं।’ लंदन ओलिंपिक में 4 गोल्ड और 2 सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रचने वाले फेल्प्स ने एक रूम में खुद को बंद कर लिया था और 4 दिन तक बिना खाए और सोए रहे। उन्होंने बताया कि उस वक्त मैं खेल में हिस्सा नहीं लेना चाहता था और जीना भी नहीं चाहता था।

उन्होंने कहा, ‘डिप्रेशन में जानें के बाद मेरे मन में आत्महत्या का विचार आने लगा था।’ अपने डिप्रेशन के बारे में बताते हुए फेल्प्स ने कहा कि हम शारीरिक तौर पर मजबूत रहकर लंबी उम्र चाहते हैं, लेकिन यह कोई कमजोरी नहीं है। फेल्प्स ने ओलिंपिक करियर का पहला गोल्ड मेडल 2004 में एथेंस में जीता था। उन्होंने कहा कि डिप्रेशन की वजह से ही वह ड्रग और अल्कोहल की चपेट में आ गए।

उल्लेखनीय है कि पेइचिंग ओलिंपिक-2008 में वर्ल्ड रेकॉर्ड 8 गोल्ड मेडल जीतने के बाद उनकी स्मोकिंग करते तस्वीरें सामने आई थीं। यही नहीं, वह दो बार नशे में ड्राइविंग करने के लिए जेल भी गए। उन्होंने बताया कि मैंने अवसाद से निकलने के लिए मेडिटेशन का सहारा लिया। मैं इससे जल्दी से जल्दी निकलना चाहता था। मैंने किया भी।

हालांकि, फेल्प्स पहले ओलिंपिक मेडल विनर स्विमर नहीं हैं, जिन्हें इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा। 5 ओलिंपिक स्पर्ण विजेता ऑस्ट्रेलिया के इयान थोर्प के साथ भी कुछ ऐसा ही हो चुका है। थोर्प ने अपनी आत्मकथा में इसका खुलासा किया था।

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