स्प्रिंटर दुती चंद ने कहा- मैंने ट्रेनिंग के लिए कार बेचने की बात नहीं कही, ओडिशा सरकार ने तो ओलिंपिक की तैयारी के लिए एडवांस में 50 लाख रु. दिए

भारत की सबसे तेज महिला एथलीट दुती चंद ने हाल ही में फेसबुक पर पोस्ट कर अपनी बीएमडब्ल्यू कार बेचने की बात कही थी। हालांकि,विवाद बढ़ने पर उन्होंने पोस्ट तो हटा ली थी, लेकिन तब तक यह बात जोर पकड़ चुकी थी कि वे ट्रेनिंग के लिए फंड जुटाने के इरादे से कार बेच रही हैं। इसके बाद ओडिशा सरकार ने पिछले 5 साल में दुती की ट्रेनिंग पर खर्च हुए पैसों का ब्यौरा पेश कर दिया। इस पर दुती नाराज हो गईं और उन्होंने सरकार पर गलत तस्वीर पेश करने का आरोप लगाया।

इस पूरे विवाद को लेकर दुती चंद ने दैनिक भास्कर से कहा कि मैंने फेसबुक पर कार बेचने के लिए जो पोस्ट किया, उसमें यह कहीं नहीं लिखा था कि मैं ऐसा ट्रेनिंग के लिए फंड जुटाने के लिए कर रही हूं।

उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार मेरी हमेशा से मदद कर रही है। सरकार ने तो ओलिंपिक की तैयारी को लेकर मेरी तरफ से दिए गए 1 करोड़ रुपए के प्रपोजल को मंजूर करते हुए ट्रेनिंग के लिए एडवांस में 50 लाख रुपए भी दे दिए हैं। दुती ने इस पूरे विवाद, ट्रेनिंग और ओडिशा सरकार से मिल रही मदद पर भास्कर से खास बात की….

कार बेचने को लेकर फेसबुक पर पोस्ट क्यों डालना पड़ा?

दुती: कोरोना के कारण फिलहाल कहीं आना-जाना नहीं हो रहा है। मेरी कार घर में ही खड़ी रहती है। मुझे लगा कि कार खड़े रहने से कहीं खराब न हो जाए, इसलिए मैंने सोचा कि अभी इसे बेच देती हूं और जो पैसा मिलेगा, उसे बैंक में रख दूंगी। मैंने इनाम में मिले पैसों से ही बीएमडब्ल्यू कार खरीदी थी।

मैंने तो सामान्य तौर पर फेसबुक पर कार बेचने की पोस्ट शेयर की थी। लेकिन स्थानीय और सोशल मीडिया में यह बात सामने आई कि ट्रेनिंग के लिए फंड जुटाने के इरादे से मैं कार बेच रही हूं। इसके बाद सभी लोग उड़ीसा सरकार पर सवाल उठाने लगे, जबकि मैंने कहीं यह नहीं लिखा था कि ट्रेनिंग के लिए पैसे की जरूरत है और मुझे कार बेचनी पड़ रही है।

2018 के जर्काता एशियन गेम्स में दुती चंद ने महिलाओं की 100 मीटर रेस में सिल्वर मेडल जीता था।

क्या आपको ट्रेनिंग के लिएआर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है?

दुती: जी नहीं, ओडिशा सरकार मुझे ट्रेनिंग को लेकर पूरा सपोर्ट कर रही है। सरकार की ओर से मुझे 2015 से आर्थिक मदद की जा रही है। यही नहीं, ओलिंपिक की तैयारी के लिए विदेश जाकर ट्रेनिंग को लेकर मेरी ओर से 1 करोड़ रूपए के दिए प्रपोजल को भी सरकार ने मंजूरी दी थी और बतौर एडवांस मुझे 50 लाख रुपए भी दिए हैं। हालांकि, कोरोना के कारण विदेश जाने का प्रोग्राम टालना पड़ा।

क्या ओडिशा सरकार झूठ बोल रही है?

दुती: मैं इंडिविजुअल इवेंट में एशियन गेम्स में मेडल जीतने वाली ओडिशा की पहली एथलीट हूं। राज्य के मुख्यमंत्री ने मेरी आर्थिक हालत देखकर काफी ज्यादा राशि इनाम के तौर पर दी। सरकार ने मेरी ट्रेनिंग और इनाम राशि को लेकर जो ब्यौरा जारी किया है, वो सही है। सरकार की ओर से मुझे पूरा सपोर्ट किया जा रहा है। मैंने कभी भी यह नहीं कहा है कि राज्य सरकार की ओर से मुझे हेल्प नहीं मिल रही।

इस एथलीट ने 2018 के एशियन गेम्स के 200 मीटर रेस में भी सिल्वर मेडल जीता था।

जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स ने भीआपको मदद की पेशकश की थी, लेकिन आपने मना कर दिया ?

दुती: जेएसडब्ल्यू की ओर से एशियन गेम्स में मेडल जीतने के बाद नौकरी के लिए ऑफर किया गया था, जबकि मैं एशियन गेम्स में मेडल जीतकर लौटी, तो ओडिशा के सीएम ने मुझे गिफ्ट के तौर पर माइनिंग डिपार्टमेंट में नौकरी दी थी। मैंने जेएसडब्ल्यू वालों से कहा था कि सरकारी नौकरी कर रही हूं। इसे छोड़कर नहीं आ सकती।

अगर आपको मदद करना है, तो आप मुझे स्पॉन्सर करें। लेकिन वह स्पॉन्सर नहीं, बल्कि नौकरी के लिए ऑफर कर रहे थे। इसलिए मुझे मना करना पड़ा। अगर वह स्पॉन्सर करना चाहते हैं, तो मुझे उनसे मदद लेने में कोई दिक्कत नहीं।

आपको कलिंगा इंस्टीट्यूट भी मदद करतीहै? उसके बाद भीआर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है?

दुती: केआईआईटी यूनिवर्सिटी की तरफ से मुझे फूड सप्लीमेंट खरीदने के लिए पैसे मिलते हैं। साथ ही मैं जहां जाती हूं, वहांहोटल में रहने का खर्चा भी वहीं उठाते हैं, लेकिन एशियन गेम्स में मेडल जीतने के बाद राज्य सरकार से मुझे पहले से ज्यादा आर्थिक मदद मिलने लगी।

ऐसे में मैंने केआईआईटी से 2019 के बाद मदद लेनी बंद कर दी। केआईआईटी मेरे जैसे कई खिलाड़ियों की आर्थिक मदद कर रही है और मुझे लगा कि जब मुझे सरकारी सपोर्ट मिल रहा है, तो वहां से मदद लेना ठीक नहीं है। हालांकि, मैं अभी भी केआईआईटी के गेस्ट हाउस में ही रहती हूं। उनके स्टेडियम में ही अभ्यास करती हूं। उनकी ओर से ही मेरे खाने-पीने की व्यवस्था की गई है।

आपकी ट्रेनिंग कैसी चल रही है? आगे की क्या योजना है?

दुती: अभी कोरोना के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई टूर्नामेंट नहीं है। मैं अनलॉक-1 में अपनी प्रैक्टिस शुरू कर चुकी हैं। फिलहाल, कलिंगा स्टेडियम में अभ्यास कर रही हूं। जनवरी में इंडिया से बाहर जाकर ट्रेनिंग का प्लान तैयार कर रही हूं, लेकिनकोरोना की स्थिति को देखकर ही कोई फैसला लूंगी।

आपके साथ हमेशा विवाद होता रहता है? ऐसा क्यों?

दुती: ओडिशा के लोग मुझसे काफी ज्यादा प्यार करते हैं और मुझे फॉलो भी करते हैं। मेरी हर गतिविधि पर उनकी नजर रहती है। ऐसे में मेरे से जुड़ी हर छोटी बात उनके लिए बड़ी बात होती है। कई बार यह मेरी लिए मुसीबत बन जाती है।

क्या विवाद की वजह से प्रैक्टिस पर असर नहीं पड़ता ?

दुती: तीन-चार दिन तक मानसिक रूप से परेशान रहतीहूं। इससे प्रैक्टिस पर थोड़ा फर्क पड़ताहै। हालांकि, फिर धीरे-धीरे विवादों पर ध्यान देना बंद कर देती हूं और अपनी प्रैक्टिस पर फोकस करने लगती हूं।

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दुती चंद ने लॉकडाउन में ढील मिलने के बाद ट्रेनिंग शुरू कर दी है। वे अगले साल जनवरी में विदेश जाकर ट्रेनिंग की प्लानिंग कर रही हैं। हालांकि, फैसला कोरोना के हालात को देखकर ही लेंगी।

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