उप्र: जमीन विवाद से आजिज महिला ने मांगी इच्छा मृत्यु
| उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से जमीन विवाद हल करने की फरियाद लगाकर थक चुकी महेवां गांव निवासी महिला कलावती ने जिलाधिकारी सुरेंद्र विक्रम को पत्र प्रेषित कर इच्छा मृत्यु मांगी है। पीड़िता के मुताबिक, महेवा गांव में मकान बनाने के लिए ग्राम पंचायत की आबादी की भूमि आवंटित की गई, जिस पर उसके जेठ के पुत्रों ने कब्जा कर लिया। जमीन विवाद को निबटाने के लिए लेखपाल, थाना, तहसील दिवस, पुलिस अधीक्षक और डीएम के यहां कई बार फरियाद की बावजूद अधिकारियों ने उसकी समस्या का समाधान नहीं किया। ऐसे में उसने इच्छा मृत्यु की इजाजत मांगी है। जनपद के महेवा गांव निवासी कलावती का कहना है कि गांव में उसके मृत ससुर मंगरू के नाम से दस बिस्वा जमीन है, जिसमें क्रमश: उसके जेठ प्रभु, सरभू व बुद्धू के पुत्रों ने आगे का हिस्सा ले लिया, जबकि उसे पीछे का हिस्सा दिया गया, जहां जाने का रास्ता तक नहीं है। इस भूमि पर न्यायालय ने स्थास्थिति कायम रखने के आदेश जारी किए हैं। बावजूद इसके उसके जेठ का बेटा मिल्लू पक्की चहारदीवारी बनवा रहा है। आरोप है कि महेवां ग्राम पंचायत की आबादी की जमीन उसे मकान बनाने के लिए आवंटित की गई थी, जिस पर उसके जेठ के बेटे मिल्लू व टिल्लू ने कब्जा जबरन कब्जा कर लिया। इस कारण वह मकान बनाने से वंचित रह गई। पीड़िता ने बताया कि अपनी फरियाद को लेकर पुलिस अधीक्षक के यहां कई बार गुहार लगाई। इसके अतिरिक्त तहसील दिवस और जिलाधिकारी कार्यालय का चक्कर लगा-लगाकर थक चुकी है, लेकिन किसी ने भी उसकी समस्याओं का समाधान नहीं किया। महिला ने कहा, ‘पट्टीदारों द्वारा आए दिन उसे, उसके पति और पूरे परिवार को प्रताड़ित किया जा रहा है। यहां तक कि आए दिन उनके द्वारा मेरे पति को जान से मारने की धमकी दी जाती है। … मेरी सुनने वाला कोई नहीं है।’ कलावती ने यह भी आरोप लगाया कि बंटवारे के लिए जब क्षेत्रीय लेखपाल सतीश गुप्ता के यहां गुहार लगाई गई तो उन्होंने10 हजार रुपये ‘सुविधा शुल्क’ की मांग की। तमाम प्रताड़ना झेलने के बाद कलावती ने अब डीएम सुरेंद्र विक्रम को पत्र प्रेषित कर इच्छा मृत्यु की मांग की। इसे गंभीरता से लेते हुए डीएम ने पूरे प्रकरण की जांच कर उचित कार्रवाई की बात कही है।
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