‘आप’ सरकार ने बनाया एक और आयोग, एलजी से टकराव के आसार
|राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने महिला सुरक्षा आयोग का गठन कर दिया है। आयोग के चेयरमैन रिटायर डिस्ट्रिक्ट जज बनाए गए हैं, जबकि दो महिला सदस्य आम आदमी पार्टी (आप) की नेता हैं। सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि उनके चयन में सरकार की कोई भूमिका नहीं है। वैसे इस आयोग के गठन पर भी सरकार ने राजनिवास से संस्तुति नहीं ली है, जिसके चलते सरकार का एक बार फिर से राजनिवास से टकराव बढ़ सकता है।
दिल्ली सरकार के महिला व बाल विकास विभाग ने हाल ही में एक नोटिफिकेशन जारी किया है। इस नोटिफिकेशन में जानकारी दी गई है कि पिछले साल 3 अगस्त को दिल्ली विधानसभा में महिला सुरक्षा आयोग के गठन को मंजूरी दी गई थी। उसी के संज्ञान में आयोग का गठन किया गया है। आयोग का चेयरमैन रिटायर डिस्ट्रिक्ट जज दिनेश दयाल को बनाया गया है, जबकि इसकी दो महिला सदस्यों में ऋचा पांडे मिश्रा और डॉ सुरभि सिंह को शामिल किया गया है।
ये दोनों आम आदमी पार्टी से जुड़ी हुई हैं। इनमें से ऋचा तो पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। नोटिफिकेशन में जानकारी दी गई है कि इसका कार्यकाल दो साल का होगा और यह हर तीन माह में सरकार को अपनी रिपोर्ट पेश करेगा। यह आयोग महिला उत्पीड़न, यौन उत्पीड़न आदि मामलों को देखेगा। ये मामले फरवरी 2013 के बाद से होंगे। आयोग महिलाओं से जुड़े कानून व नियमों को बदलने के लिए भी अपने सुझाव सरकार को भेजेगा।
गौरतलब है कि पिछले साल पटेल नगर में एक लड़की की सरेआम हत्या के बाद दिल्ली सरकार ने राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे और उसके बाद महिला सुरक्षा को लेकर विधानसभा का विशेष सेशन बुलाया था, जिसमें इस आयोग के गठन की घोषणा की गई थी। खास बात यह है कि दिल्ली सरकार ने इस आयोग के गठन पर भी राजनिवास से संस्तुति नहीं ली है। इससे पहले सरकार ने दो आयोग सीएनजी फिटनेस घोटाला और डीडीसीए के कथित घोटालों पर बनाए थे और उनके गठन पर भी राजनिवास से अनुमति नहीं ली गई थी।
इस मसले पर दिल्ली सरकार के प्रवक्ता नागेंद्र शर्मा का कहना है कि आयोग का गठन विधानसभा के आदेश पर किया गया है, इसलिए राजनिवास से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। यह पूछे जाने पर कि आयोग में आम आदमी पार्टी की दो महिला नेताओं को शामिल किया गया है, उन्होंने कहा कि इनकी नियुक्ति आयोग के चेयरमैन ने की है, इसमें सरकार का कोई रोल नहीं है। माना जा रहा है कि इस तीसरे आयोग का गठन सरकार और राजनिवास के बीच टकराव को एक बार फिर से बढ़ा सकता है। उसका कारण यह है कि उपराज्यपाल नजीब जंग की गुजारिश के बाद केंद्र सरकार ने सरकार के दोनों पहले के आयोग को असंवैधानिक ठहरा दिया था।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।