IT इंडस्ट्री की ग्रोथ 10 साल में सबसे कम रहेगी: नैस्कॉम

[ वर्षा बंसल | हैदराबाद ]

भारतीय आईटी इंडस्ट्री की ग्रोथ वित्त वर्ष 2017-18 में पिछले 10 साल में सबसे कम रह सकती है। आईटी कंपनियों की संस्था नैस्कॉम ने करंसी के उतार-चढ़ाव के असर को शामिल किए बिना एक्सपोर्ट ग्रोथ 7-8 पर्सेंट रहने का अनुमान लगाया है। पिछले वित्त वर्ष में ग्रोथ 8.6 पर्सेंट थी। वहीं, भारत में आईटी इंडस्ट्री की ग्रोथ 10-11 पर्सेंट रहने का अनुमान है। नैस्कॉम के प्रेसिडेंट आर चंद्रशेखर ने यह बात कही है। उसका अनुमान आईटी कंपनियों के गाइडेंस के मुताबिक है। इंफोसिस ने वित्त वर्ष 2018 में रेवेन्यू ग्रोथ 6.5-8.5 पर्सेंट रहने का अनुमान दिया था, जबकि कॉग्निजेंट ने इसके 8-10 पर्सेंट रहने की बात कही है। आईटी कंपनियां इस वित्त वर्ष में पिछले साल की तुलना में हायरिंग भी कम करेंगी। नैस्कॉम का कहना है कि वित्त वर्ष 2018 में 1,50,000 लोग इंडस्ट्री से जुड़ेंगे, जबकि वित्त वर्ष 2017 में 1,70,000 लोग जुड़े थे।

नैस्कॉम के अनुमान का मतलब यह है कि वित्त वर्ष 2018 में आईटी इंडस्ट्री की ग्रोथ वित्त वर्ष 2010 के बाद सबसे कम रहने जा रही है। तब ग्लोबल फाइनैंशल क्राइसिस के चलते इंडस्ट्री की ग्रोथ सुस्त हो गई थी। उस साल आईटी एक्सपोर्ट में 6 पर्सेंट से भी कम बढ़ोतरी हुई थी। वहीं, डोमेस्टिक आईटी मार्केट 12 पर्सेंट बढ़ा था। वित्त वर्ष 2010 में इंडस्ट्री में 90,000 नए लोगों को रोजगार मिला था। नैस्कॉम आम तौर पर फरवरी में गाइडेंस जारी करती है, लेकिन इस बार उसने इसे वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून 2017 तक के लिए टाल दिया था। उसका कहना था कि इंडस्ट्री जिन मुश्किलों का सामना कर रही है, उसमें अनुमान देना उसके लिए संभव नहीं है। चंद्रशेखर ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘अभी भी कई चीजों की तस्वीर साफ नहीं है, लेकिन आगे की राह में हम पहले की तुलना में कहीं बेहतर अंदाजा लगा सकते हैं। हमने जो अनुमान दिया है, उसे हासिल किए जाने का हमें पूरा भरोसा है, बशर्ते कोई बड़ी उथलपुथल ना हो।’

भारतीय आईटी कंपनियों को ग्लोबल फाइनैंशल सर्विसेज सेक्टर में सुस्ती से नुकसान हुआ है। इन कंपनियों ने आईटी सर्विसेज पर खर्च घटा दिया है, जबकि भारत की आईटी कंपनियों को इस सेक्टर से काफी आमदनी होती है। वहीं, रेग्युलेटरी उलझनों के चलते हेल्थकेयर सेक्टर के आईटी खर्च पर भी बुरा असर हुआ है। क्लाइंट्स आईटी कंपनियों से अधिक कॉस्ट सेविंग के लिए कह रही हैं, जिससे उनकी आमदनी को चोट पहुंच रही है। इसके बावजूद एलएंडटी इन्फोटेक के सीईओ संजय जालोना ने कहा, ‘आईटी इंडस्ट्री लॉन्ग टर्म में क्लाइंट कंपनियों के लिए काफी वैल्यू क्रिएट करेगी। मुझे भरोसा है कि इंडस्ट्री अभी जिन मुश्किलों का सामना कर रही है, वह उनसे बाहर निकल जाएगी।’

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