बीजेपी के पूर्व विधायक फिर ऐक्टिव होने की तैयारी में
| गुलशन राय खत्री, नई दिल्ली दिल्ली की राजनीति में लगभग हाशिए पर जा चुके बीजेपी के एक दर्जन से ज्यादा पूर्व विधायक फिर से ऐक्टिव होने की तैयारी में हैं। इसके लिए उन्होंने चार दिन पहले न सिर्फ बैठक की बल्कि इस बात पर भी चर्चा हुई कि किस तरह से केजरीवाल सरकार की गड़बड़ियों का पर्दाफाश किया जाए। इन नेताओं ने पूर्व विधायक क्लब बनाने पर भी विचार किया। बैठक में शामिल होने वालों में कई ऐसे सीनियर नेता भी थे, जो तीन से चार बार पार्टी के टिकट पर विधायक रह चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में हिस्सा लेने वाले 14 विधायक 2008 से 2013 तक विधानसभा के सदस्य थे। इनमें डॉ. विजय कुमार मल्होत्रा भी शामिल थे। मल्होत्रा उस वक्त विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। इनके अलावा, हरिनगर से चार बार जीते हरशरण सिंह बल्ली, करोल बाग से एस. पी. रातावाल, यमुना विहार से साहब सिंह चौहान, रोहिणी से जयभगवान अग्रवाल, शालीमार बाग से रविंदर बंसल, मोती नगर से विधायक रहे सुभाष सचदेव आदि शामिल थे। चूंकि डॉ. हर्षवर्धन अब केंद्र सरकार में मंत्री हैं और रमेश बिधूड़ी सांसद हैं, इसलिए वे दोनों इस बैठक में नहीं थे। इस बारे में जब डॉ. मल्होत्रा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह कोई मीटिंग नहीं थी बल्कि ये पूर्व विधायक काफी दिन से मिलना चाहते थे, इसलिए तय किया गया कि सभी मिलकर चाय पीएंगे। इसमें राजनीति जैसे किसी मसले पर बात नहीं हुई। बैठक में मौजूद रहे एक पूर्व विधायक ने कहा कि बैठक में किसी नेता ने पद या संगठन के कामकाज पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन बैठक के माहौल से साफ था कि ये पूर्व विधायक मौजूदा राजनीतिक स्थिति से निराश थे। हालांकि, इनमें से एक दो ने इस बात की भी दबी जुबान में चर्चा की कि डॉ. मल्होत्रा को काफी पहले ही गवर्नर बनाया जाना था, लेकिन उन्हें अब तक नहीं बनाया गया। इसके अलावा इन नेताओं ने पूर्व विधायकों का एक क्लब बनाने पर भी चर्चा की। इन नेताओं का कहना था कि ऐसा क्लब बनाया जाए, ताकि पूर्व विधायक इसी नाते आपस में मिलते जुलते रहें। गौरतलब है कि इस वक्त विधानसभा में पार्टी के महज तीन ही विधायक हैं जबकि 2014 तक पार्टी के पास कई ऐसे विधायक थे, जो लगातार पांच बार विधानसभा का चुनाव जीते थे लेकिन इस साल फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में हार गए।
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