8 माह बाद ही देवबंद में हारी बीजेपी

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मेरठ : मुस्लिमों के प्रमुख केंद्र देवबंद में 9 महीने के भीतर ही बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी के जीतने के बाद हुई फजीहत का बदला मुसलमानों ने नगर निकाय चुनाव में लिया है। देवबंद नगर पालिका चेयरमैन पद पर बीजेपी उम्मीदवार हार गया। दलबदलू नेता को भी इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा है।

यूपी में इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ा जनादेश मिला था। वेस्ट यूपी में पहले चरण के चुनाव के बाद से ही बीजेपी के पक्ष में हवा बहने लगी थी। रिजल्ट घोषित होने पर मुस्लिमों के गढ़ और विश्व प्रसिद्ध उनके सबसे प्रमुख केंद्र देवबंद विधानसभा सीट भी बीजेपी के पाले में चली गई थी। इस सीट के हासिल होने पर बीजेपी के पक्ष में दलील दी गई थी कि तीन तलाक से मुद्दे पर मुस्लिम महिलाओं ने बीजेपी का साथ दिया इसलिए परिणाम चौंकाने वाले आए हैं। करीब नौ महीने बाद ही अब नगर निकाय के चुनाव में देवबंद नगर पालिका पर बीजेपी अपनी जीत को बरकरार नहीं रख सकी। यहां से बीजेपी उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहा। जीत बीएसपी के जियाउद्दीन ने दर्ज की। जियाउद्दीन को मुस्लिमों ने पसंद किया।

देवबंद सीट पर मुस्लिमों ने दलबदलू नेता को भी सबक सिखाया। नगर पालिका चेयरमैन के पद पर 2012 में माविया अली जीते थे। इस सीट पर एसपी के विधायक थे। उनकी मौत के बाद माविया अली ने पाला बदलकर कांग्रेस में एंट्री लेकर विधानसभा का उपचुनाव लड़ा और विधायक बन गए। अपनी जगह पत्नी को चेयरमैन बनवा दिया था, लेकिन 2017 में फिर से पलटी मारी और समाजवादी पार्टी में शामलि हो गए। विधानसभा का चुनाव लड़े और हार गए। इस बार माविया अली ने एसपी से बाबू नाम के व्यक्ति को देवबंद से मैदान में उतारा। कांग्रेस ने भी खुलेआम एसपी के उम्मीदवार बाबू को ही समर्थन दिया। लेकिन देवबंद की जनता ने बीजेपी के साथ दलबदलू माविया अली को भी पसंद नहीं किया।

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