सीबीआई ने यूनियन बैंक के डीजीएम, एजीएम के खिलाफ मामला दर्ज किया

नई दिल्ली
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नोटबंदी की घोषणा के बाद नियमों का उल्लंघन कर 85 करोड़ रपये की राशि जमा कराने की अनुमति देने के मामले में यूनियन बैंक आफ इंडिया के तत्कालीन अधिकारियों और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। सीबीआई ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी जालसाजी और भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत मामला दायर किया है।

यूनियन बैंक आफ इंडिया तत्कालीनी उप महाप्रबंधक अशोक कुमार धाभाई और तत्कालीन सहायक महाप्रबंधक के शिवशंकरराव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। शिवशंकरराव बैंक की झावेरी रोड शाखा के प्रबंधक भी हैं। एफआईआर में तीन सर्राफा कारोबारियों पिहू गोल्ड के राकेश पटेल, सतनाम जूलर्स के मयूर दीपक चावला और पुष्पक बुलियन प्राइवेट लि. के निदेशक अमित संपत (सभी मुंबई) के साथ कंपनी पुष्पक बुलियन का भी नाम है।

सीबीआई प्रवक्ता आरके गौड़ ने बयान में कहा, ‘कथित रूप से 15 नवंबर, 2016 से 26 दिसंबर, 2016 के दौरान यूनियन बैंक आफ इंडिया की मुंबई की झावेरी बाजार शाखा में दो निजी कंपनियों के खातों में करीब 47.45 करोड रुपये और 37.15 करोड़ रुपये की राशि जमा कराई गई।’ उन्होंने कहा कि बाद में इस राशि को एक अन्य कंपनी पुष्पक बुलियन के खातों में स्थानांतरित किया गया। इस कंपनी का खाता भी बैंक की झावेरी रोड शाखा में है।

गौड़ ने कहा कि यह भारी राशि पुराने बंद नोटों में बैंक के करंसी चेस्ट में कंपनी के प्रतिनिधियों द्वारा डीजीएम और एजीएम के साथ साजिश में जमा कराई गई। ऐसे में आरोपी लोगों ने 8 नवंबर, 2016 के रिजर्व बैंक के दिशानिर्देर्शों का उल्लंघन किया। उन्होंने कहा कि आरोपी व्यक्तियों के आवासीय और कार्यालय परिसरों सहित कुल 12 स्थानों पर छापेमारी की गई और इस दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए।

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