भारत, अफगानिस्तान, ईरान के बीच चाबहार अग्रीमेंट पूरा

दीपांजन रॉय चौधरी, नई दिल्ली
भारत, अफगानिस्तान और ईरान ने सामरिक रूप से बेहद महत्वपू्र्ण चाबहार बंदरगाह से संबंधित समझौता पूरा कर लिया है। इससे पाकिस्तान को नजरअंदाज करते हुए भी भारत की पहुंच अफगानिस्तान तक हो जाएगी। ईरान दौरे पर गईं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने वहां चाबहार पोर्ट में भारत की भागीदारी के साथ-साथ कनेक्टिविटी तथा एनर्जी पार्टनरशिप पर बातचीत की। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही तेहरान जाने वाले हैं।

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विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, भारत, अफगानिस्तान और ईरान ने जरूरी आंतरिक प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद उच्च स्तर पर ट्रांसपोर्ट ऐंड ट्रैंसिट कॉरिडोर्स अग्रीमेंट को गति देने का फैसला किया है। समझौते का मसौदा तैयार करने के लिए 11 अप्रैल को तीनों देशों के एक्सपर्ट्स की दूसरी मीटिंग हुई। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘ड्राफ्ट अग्रीमेंट में अफगानिस्तान तक सामुद्रिक पहुंच का विकल्प मुहैया कराने के लिए त्रिपक्षीय सहयोग की रूपरेखा शामिल है जिसमें अफगानिस्तान के साथ भारत का व्यापार प्रमुख है।’

बयान में कहा गया है, ‘यह समझौता चाबहार पोर्ट के इस्तेमाल में महत्वपूर्ण सुधार होगा जिससे अफगानिस्तान के आर्थिक विकास में बड़ा योगदान मिलेगा। इसके अलावा इससे भारत समेत अफगानिस्तान एवं मध्य एशिया के बीच बेहतर क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा मिलेगा। समझौता तीनों देशों के साथ-साथ पूरे इलाके में लोगों और सामानों की ज्यादा आवाजाही के लिए सामरिक बांध के रूप में काम करेगा।’ चाबहार पोर्ट को अफगानिस्तान के अलावा मध्य एशिया, रूस और यूरोप तक के लिए भारत के गेटवे के रूप में विकसित किया जा रहा है।

चाबहार पर कमर्शल कॉन्ट्रैक्ट को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और ईरान के विदेश मंत्री जवाद जारिफ के बीच सहमति बनी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि भारत 400 मिलियन डॉलर का स्टील रेल्स भी सप्लाइ करेगा। पिछले सप्ताह ईरान दौरे पर पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने चाबहार पोर्ट कॉम्प्लेक्स के लिए 20 अरब डॉलर निवेश की घोषणा की थी।

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