सीएस असॉल्ट केस : कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग खारिज

नई दिल्ली
इसी साल 19 फरवरी को सीएम आवास में चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश के साथ कथित मारपीट मामले की जांच कोर्ट की निगरानी में कराए जाने की आरोपी आप विधायक प्रकाश जारवाल की मांग को पटियाला हाउस अदालत ने ठुकरा दिया है।

अडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट(एसीएमएम) समर विशाल ने देवली से आरोपी विधायक जारवाल की याचिका खारिज करते हुए कहा कि मामले में आरोपी होने के चलते उन्हें यह मांग करने का अधिकार नहीं है। एडवोकेट इरशाद के जरिए दायर याचिका में विधायक ने पुलिस पर शिकायतकर्ता(सीएस) और उपराज्यपाल(एलजी) के प्रभाव में जांच करने का आरोप लगाया और पूछताछ के दौरान दर्ज बयानों के साथ छेड़छाड़ की आशंका जाहिर की थी। उन्होंने सीएस पर कथित हमले के अगले दिन सचिवालय में मंत्री इमरान हुसैन और उनके स्टाफ पर हमले से जुड़ी घटना का जिक्र करते हुए पुलिस पर दोनों मामलों को लेकर पक्षपाती होने का आरोप भी लगाया था।

उन्होंने कहा था कि डीसीपी हरिंदर सिंह चीफ सेक्रेटरी और एलजी के पूरे प्रभाव में काम कर रहे हैं, जिनके साथ आप सरकार का पिछले तीन सालों से शक्तियों के बंटवारे को लेकर संघर्ष जारी है। इन परिस्थितियों का हवाला देते हुए उन्होंने मामले में जांच एजेंसी द्वारा निष्पक्ष जांच को लेकर नाउम्मीदी जताई थी और कोर्ट से मांग की थी कि वह जांच की निगरानी करें, जबतक पुलिस इस केस में चार्जशीट दायर नहीं कर देती।

जारवाल के अलावा अदालत ने संबंधित मामले में ही मुख्यमंत्री के वकील इरशाद की ओर से दायर वह अर्जी भी ठुकरा दी, जिसमें उन्होंने जांच अधिकारी पर प्रताड़ना और पक्षपाती रवैया अपनाने का आरोप लगाया था। उनकी मांग थी कि संबंधित पुलिसवाले के खिलाफ इन कथित आरोपों के लिए कार्रवाई की जाए और मौजूदा मामले में कानून के मुताबिक निष्पक्ष जांच के आदेश दिए जाएं।

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