शिनजियांग में रह रहे मुस्लिमों को देशभक्त बनाने के लिए ये कर रहा चीन

पेइचिंग
चीन की सरकार पर अल्पसंख्यक उइगुर समुदाय पर अत्याचार के आरोप हमेशा लगते आए हैं लेकिन ताजा मामला हैरान कर देनेवाला है। एक खोजी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने शिनजियांग प्रांत में रहनेवाले उइगुर समुदाय के हजारों लोगों को हिरासत में लेकर उन्हें खास तरह के शिविरों में भेज दिया है, जहां उनकी ‘चरमपंथी सोच’ को बदला जा सके।

‘असोसिएटेड प्रेस’ की जांच के मुताबिक, चीन की सरकार के दस्तावेजों से पता लगता है कि ये शिविर निः शुल्क, पूरी तरह से बंद हैं और सेना की निगरानी वाले इलाके में हैं। यहां 3 महीने से 2 साल तक के सत्र होते हैं, जहां उइगुरों को मंदारिन, कानून, जातीय एकता, कट्टरता से छुटकारा पाना और साथ ही देशभक्ति सिखाई जाएगी।

AP ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चीन की सरकार इस पूरे अभियान को वोकेशनल ट्रेनिंग का नाम दे रही है लेकिन उसका असल मकसद उइगुरों के दिमाग में देशभक्ति भरना है।

चीन की सरकार द्वारा शिनजियांग के चरमपंथियों को देशभक्ति सिखाने वाले इस अभियान की अगुआई चेन कांगुओ कर रहे हैं। चेन को तिब्बत में उपजे तनाव की स्थिति पर नियंत्रण पाने के इनाम के तौर पर हाल ही में प्रमोशन मिला था। एपी के मुताबिक, पदोन्नति के बाद चेन ने आतंकवादियों को युद्ध के सागर में दफनाने का वादा किया था।

ह्यूमन राइट्स वॉच ने इसी साल जनवरी में एक रिपोर्ट में बताया था कि तिब्बत और शिनजियांग दो ऐसी जगहें हैं जहां पेइचिंग ने मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन किए हैं। बीते हफ्ते ही ऐसी खबरें आई थी कि चीन ने उइगुरों के डीएनए, फिंगरप्रिंट का डेटा स्टोर करने की योजना बनाई है।

एपी की जांच में यह भी सामने आया कि चीन में करीब 1 करोड़ उइगुर रहते हैं और इन्हें संदिग्ध आतंकवादियों के तौर पर देखा जाता है। इतना ही नहीं जो उइगुर विदेशों में रह रहे अपने रिश्तेदारों से संपर्क करने की कोशिश करते हैं उन्हें पुलिस के सवालों का सामना करना पड़ सकता है या फिर कथित वोकेशनल सेंटर में जाना पड़ सकता है।

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