वाराणसी में संघ की ‘पाठशाला’, युवाओं को संगठन में शामिल करने पर जोर, मिशन 2019 की भी तैयारी

विकास पाठक, वाराणसी
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीतकालीन शिविर और संघ प्रमुख की पांच दिवसीय पाठशाला की शुरुआत हुई। अपने पहले दिन के संबोधन में संघ प्रमुख ने संघ के पदाधिकारियों से संगठन का सामाजिक दायरा बढ़ाने के लिए नए युवाओं को स्वयंसेवक बनाने पर जोर दिया। इस दौरान भागवत ने कार्यकर्ताओं से सरकार की कार्यप्रणाली के संबंध में फीडबैक भी लिया। माना जा रहा है कि इस फीडबैक के आधार पर ही 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति का निर्धारण भी किया जाएगा।

शुक्रवार को वाराणसी के ट्रेड फसिलटी सेंटर में मोहन भागवत की 5 दिवसीय ‘पाठशाला’ का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन और संगठन मंत्र के साथ हुआ। इसके बाद सरसंघचालक की बैठक में पूर्वी उत्तर प्रदेश के काशी, गोरक्ष, अवध व कानपुर प्रांतों के संघ के विभाग संचालक, विभाग कार्यवाह के साथ जिला प्रचारक और सहयोगी संगठन के लोग शामिल हुए।

‘त्याग और समर्पण के साथ राष्ट्रहित में करें काम’
इस पाठशाला के पहले रोज हुई मैराथन बैठक में गाय, गांव और गंगा को बचाने के साथ हिंदुत्व से जुड़े मुद्दे विमर्श के मुख्य बिंदु रहे। इस दौरान सरसंघचालक ने स्वयंसेवकों को नसीहत देते हुए त्याग और समर्पण के भाग से राष्ट्रहित में काम करने की बात कही। इसके अलावा संघ प्रमुख ने भावी पीढ़ी के लिए नए भारत की नींव रखने और चारित्रिक पतन को रोकने की दिशा में भी काम करने के निर्देश दिए।

ऊर्जावान युवाओं को संघ से जोड़ने पर जोर
बैठक में संघ प्रमुख ने स्वयंसेवकों से समाज के उर्जावान युवाओं को संघ की विचारधारा के साथ जोड़ने के लिए काम करने को भी कहा। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी को आगे बढ़ाने की दिशा में नए मतदाताओं को भी पार्टी और संगठन से जोड़ने के निर्देश दिए। अपनी बैठक में संघ प्रमुख ने कार्यकर्ताओं से सरकार की कार्यप्रणाली के संबंध में फीडबैक लिया।

कांग्रेसियों ने उठाए सवाल
एक ओर जहां संघ अपने शीतकालीन शिविर के जरिए 2019 के लोकसभा चुनाव की रणनीति पर भी काम करने जा रही है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के कार्यक्रम स्थलों को लेकर सवाल खड़े किए हैं। वाराणसी पूर्व सांसद राजेश मिश्रा और पूर्व विधायक अजय राय की अगुवाई में कांग्रेसियों ने शुक्रवार को डीएम योगेश्वर राम मिश्र को ज्ञापन देकर पूछा है कि ट्रेड फसिलटी सेंटर और सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के ग्राउंड का उपयोग संघ के कार्यक्रमों के लिए क्यों और किसके आदेश पर किया जा रहा है? इसके अलावा डीएम के माध्यम से राज्यपाल को भेजे गए ज्ञापन में शिक्षण संस्थानों में राजनीतिक आयोजनों पर रोक लगाने की मांग भी की गई है।

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