लेन-देन के डिजिटल माध्यम अपनाने से छोटे कारोबारियों को कर में होगी 46 प्रतिशत तक बचत: सरकार

नयी दिल्ली, 20 दिसंबर :भाषा: सरकार ने आज कहा कि नकदी के बजाए डिजिटल लेन-देन अपनाने से छोटे व्यापारियों की कर देनदारी में 46 प्रतिशत तक कमी आएगी। सरकार ने अनुमानित आय नियमों में बदलाव किया है इससे उन छोटे व्यापारियों की कर देनदारी में कमी आएगी जो डिजिटल भुगतान का विकल्प चुनते हैं।

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, डिजिटल माध्यमों से लेन-देन से जहां एक तरफ करीब 46 प्रतिशत कर देनदारी में कमी आएगी, वहीं छोटी कंपनियां अपने बही-खातों को समृद्ध कर पाएंगी जिससे उन्हें बैंक कर्ज आसानी से मिलने मदद मिल सकता है।

बयान के अनुसार साथ ही अगर बैंक चैनलों के जरिये लेन-देन होता है तो जिसका भी सालाना कारोबार 66 लाख रपये तक है तो धारा 80 सी का लाभ उठाने के बाद उन पर कर देनदारी शून्य होगी।

इससे पहले, जेटली ने दिन में कहा था, इसका मकसद है कि अगर आप डिजिटल लेन-देन करते हैं, आप कम कर दे सकते हैं। यह अर्थव्यवस्था में डिजिटलीकरण को समर्थन देने के लिये कर प्रोत्साहन है। और अगर हम इसका विश्लेषण करते हैं तो डिजिटल माध्यम से लेनदेन करने वाले व्यापारियों को 30 प्रतिशत से अधिक लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा कि 2016-17 के बजट में दो करोड़ रपये तक कारोबार करने वाले छोटे व्यापारी एवं कारोबारी, जिनके पास खातों का उपयुक्त ढंग से रखरखाव नहीं होता है, कर लगाने के उद्देश्य से उनका मुनाफा 8 प्रतिशत माने जाने की बात कही गयी है। लेकिन अगर वे भुगतान प्राप्ति डिजिटल साधनों से करते हैं तो उनका मुनाफा कारोबार का 6 प्रतिशत माना जायेगा न कि 8 प्रतिशत।

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