मोहल्ला क्लीनिकों के किराये की जांच की मांग

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली

प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आप सरकार द्वारा राजधानी में खोले गए मोहल्ला क्लीनिकों के किराये की जांच कराने के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को पत्र लिखा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने आरोप लगाते हुए कहा है कि क्लीनिकों को किराये पर लेते वक्त सीवीसी की 8 जुलाई, 1999 की गाइडलाइनों की अनदेखी की गई है। उन्होंने अपने पत्र में सीवीसी से मांग की है कि इस मामले में सीएम और हेल्थ मिनिस्टर सहित इस मामले से जुड़े लोगों की जांच की जाए।

माकन ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी जो राजनीति में ईमानदारी तथा पार्दशिता की बात करती थी सत्ता में आते ही सब भूल गई। सीवीसी की गाइडलाइनों को दरकिनार करते हुए मार्केट से ज्यादा रेंट देकर अपनी पार्टी के पदाधिकारियों व रिश्तेदारों की जगहों पर 105 मोहल्ला क्लीनिक खोल डाले। जबकि 1999 की गाइडलाइंस में यह कहा गया है कि जब कभी भी नए व्यवसायिक/आवासीय जगहों को लीज/किराए या किसी अन्य पर लिया जाएगा तो स्थानीय तथा राष्ट्रीय अखबारों जिनका वितरण ज्यादा है उनमें विज्ञापन दिए जाएंगे। विज्ञापन में जगह का एरिया और अन्य शर्ते जो टेन्डर में होंगी उनका भी जिक्र किया जाएगा। जिस मार्केट रेट पर जगह ली जा रही है उसके स्पष्टीकरण का भी मूल्यांकन किया जाएगा।

माकन ने आरोप लगाया कि एक मोहल्ला क्लीनिक आप के एक निगम पार्षद की जगह पर है और इस जगह का मार्केट रेट 5000 रुपये है जबकि सरकार 18000 रुपये खर्च कर रही है। दो डिस्पेंसरी पहले से ही क्लीनिक के आधा किलोमीटर की दूरी पर हैं। माकन ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार इस तरह लगभग 2 करोड़ रुपये प्रति वर्ष सिर्फ किराए के रूप में इन मोहल्ला क्लिनिकों के ऊपर खर्च कर रही है जिसका सीधा फायदा आप पार्टी के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों हो रहा है। जब दिल्ली में 1000 मोहल्ला क्लीनिक खुल जाऐंगे तो लगभग 20 करोड़ रुपये सालाना किराए पर खर्च होंगे। माकन ने आरोप लगाया कि यदि दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लीनिक सही कार्य कर रहे होते तो आज दिल्ली के लोगों को चिकुनगुनिया व डेंगू जैसी बीमारियों से जूझना ना पड़ता।

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