मैं निर्दोष हूं, निलंबन को चुनौती दूंगी : संजीता चानू

नई दिल्ली
भारतीय वेटलिफ्टर संजीता चानू ने खुद को निर्दोष करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि वह डोप परीक्षण में कथित तौर पर नाकाम रहने के लिए उन पर लगाए गए अस्थायी निलंबन को चुनौती देंगी। संजीता ने कहा, ‘मैं निर्दोष हूं। मैंने कोई प्रतिबंधित दवाई नहीं ली। मैं राष्ट्रीय महासंघ की मदद से इसे चुनौती दूंगी।’

गोल्डकोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में महिलाओं के 53 किग्रा भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीतने वाली संजीता को टेस्टोस्टेरोन के लिए पॉजिटिव पाए जाने के बाद इंटरनैशनल वेटलिफ्टिंग फेडरेशन (आईडब्ल्यूएफ) ने निलंबित कर दिया था। उनका नमूना पिछले साल नवंबर में अमेरिका के एनाहीम में विश्व चैंपियनशिप से पहले प्रतियोगिता से इतर लिया गया था।

संजीता को हालांकि भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएलएफ) के अध्यक्ष सहदेव यादव का समर्थन हासिल है जिन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि यह मणिपुरी निर्दोष है। यादव ने कहा, ‘यह हमारी समझ से परे हैं कि डोप परिणाम में इतनी देर क्यों की गई। नमूना लिए जाने के बाद उसने नवंबर में विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और इसके बाद उसने अप्रैल में गोल्डकोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता। हम इसके खिलाफ लड़ेंगे कि ऐसा क्यों हो रहा है।’

उन्होंने कहा, ‘किसी भी मामले में हम ‘बी’ नमूने की जांच के लिए लिखते हैं। परिणाम मिलने के बाद हम (अंतरराष्ट्रीय महासंघ में) मामला रखने के लिये शीर्ष वकील की सेवाएं लेंगे। मुझे पक्का विश्वास है कि संजीता ने कोई प्रतिबंधित दवाई नहीं ली। मुझे पूरा विश्वास है कि हम उसे निर्दोष साबित करने में सफल रहेंगे।’

यादव ने इसके साथ ही कहा कि संजीता ने कॉमनवेल्थ गेम्स में जो गोल्ड मेडल जीता है उसके छीने जाने का खतरा नहीं है। संजीता ने 53 किग्रा में कुल 192 किग्रा भार उठाकर सोने का तमगा जीता था। उन्होंने 2014 ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में 48 किग्रा में गोल्ड मेडल हासिल किया था। अगर संजीता का ‘बी’ नमूना भी पॉजिटिव पाया जाता है तो उन पर चार साल का बैन लग सकता है। संजीता ने पिछले साल 53 किग्रा में विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था जिसमें वह 13वें स्थान पर रही थी।

एशियाई खेलों की तैयारी के लिए 24 साल की इस खिलाड़ी को नौ मई को खेल मंत्रालय के लक्ष्य ओलिंपिक पोडियम योजना (टाप्स) में शामिल किया गया था लेकिन डोपिंग मामले में नाम आने के बाद उन्हें इस योजना से हटाया जा सकता है।

इस मामले से भारतीय वेटलिफ्टिंग को करारा झटका लगा है जिसके वेटलिफ्टर्स ने हाल में अच्छा प्रदर्शन किया। इसमें वर्ल्ड चैंपियनशिफ में 48 किग्रा वर्ग में गोल्ड मेडल जीतने वाली मीराबाई चानू भी शामिल हैं। भारतीय वेटलिफ्टर्स के लिए साल 2016 डोप मुक्त रहा था लेकिन 2017 में एक वेटलिफ्टर सुशीला पंवार को अंतरराष्ट्रीय महासंघ के परीक्षण में पॉजिटिव पाया गया था।

संजीता का मामला इस साल का पहला डोप पॉजिटिव परिणाम है। अंतराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति के दबाव में हाल ही में आईडब्ल्यूएफ ने तोक्यो ओलिंपिक में ऐसे देशों का कोटा सीमित करने का फैसला किया है जहां डोपिंग के अधिक मामले मिले हैं। संजीता के मामले से पहले 2008 से अब तक 12 भारतीय वेटलिफ्टर्स को अंतरराष्ट्रीय संघ द्वारा किए गए डोपिंग परीक्षणों में पॉजिटिव पाया गया है।

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