मजदूरों की परेशानी दूर करने को गोपाल राय ने लिखी PM को चिट्ठी

नई दिल्ली
नोटबंदी के फैसले के बाद दिल्ली में काम कर रहे दिहाड़ी मजदूरों की खराब हालत को लेकर दिल्ली के श्रम मंत्री गोपाल राय ने 16 नवंबर को PM मोदी को पत्र लिखा था। अब राय ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि दिहाड़ी मजदूरों की स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। उन्होंने पीएम से अपील की है कि मजदूरों की परेशानी को दूर करने के लिए तुरंत जरूरी कदम उठाए जाएं।

राय ने शुक्रवार को पीएम को भेजे पत्र में कहा है कि बहुत सारे कारखाने अस्थायी रूप से बंद हो रहे हैं। इस कारण दिहाड़ी मजदूर दिल्ली से जा रहे हैं। आजकल रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर होने वाली भीड़ से इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। राय ने लिखा है कि 16 नवंबर को उनके पत्र के संबंध में आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है और दिहाड़ी मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। मजदूर बहुत परेशान हैं और उनके परिवार को दो वक्त की रोटी भी नहीं मिल पा रही है। राय ने पीएम से अपील की है कि इन दिहाड़ी मजदूरों के लिए कोई ऐसी व्यवस्था की जाए ताकि उनकी रोजी-रोटी चलती रहे।

राय का कहना है कि नोटबंदी का सबसे बुरा असर दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ रहा है। इन मजदूरों को कैश में ही मजदूरी मिलती है, लेकिन नकद के अभाव और दुकानों में कम बिक्री के कारण मजदूरों को पैसा नहीं मिल रहा है। अब तो कारखाना मालिकों ने अस्थायी रूप से काम रोक दिया है और मजदूरों को दिल्ली छोड़कर लौटना पड़ रहा है। हालत यह है कि बहुत से मजदूरों के परिवार भुखमरी की स्थिति में पहुंच गए हैं। राय का कहना है कि मजदूर अब दिल्ली छोड़ रहे हैं और अपने गृह नगर की ओर पलायन कर रहे हैं। उन्होंने पीएम से मांग की है कि इन मजदूरों की समस्याओं के लिए तुरंत कोई व्यवस्था की जाए या फिर इस नोटबंदी के फैसले को वापस लिया जाए।

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