MCD चुनाव: टिकट के लिए हर कोई निकाल रहा संघ कनेक्शन

नई दिल्ली
दिल्ली का काम देख रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी इन दिनों टिकट के दावेदारों के संघ कनेक्शन के किस्से सुनने को मजबूर हैं। एमसीडी चुनाव में बीजेपी टिकट का लगभग हर दावेदार संघ से अपनी नजदीकी से लेकर दूर तक के रिश्तों का इतिहास बताने में जुटा है। बीजेपी ने टिकट के दावेदारों से उनका पूरा बायोडेटा मांगा है और लगभग हर बायोडेटा में संघ से किसी न किसी तरह जुड़ने या उनके परिवार में कोई न कोई संघ स्वयंसेवक होने का पॉइंट हाईलाइट किया गया है।

बायोडेटा में एक महिला दावेदार ने लिखा है कि उनके ससुरजी संघ के स्वयंसेवक रहे हैं और पति भी शाखा में जाया करते थे। एक दूसरे दावेदार ने लिखा है कि उनके पिता हरियाणा में संघ से जुड़े रहे और वहां एक जिले में संघ शुरू करने का काम उनके पिता ने ही किया। एक दावेदार ने खुद को बाल सेवक (बचपन में संघ से जुड़ने वाला) बताया तो दूसरे दावेदार ने लिखा है कि उन्होंने द्तीय वर्ग किया है तो एक दावेदार ने हवाला दिया है उन्होंने प्रथम वर्ग किया है और कई बार शाखा में गए हैं।

दरअसल संघ हर साल प्रथम, द्वितीय और तृतीय शिक्षा वर्ग लगाता है। प्रथम वर्ग कस्बे, तहसील या जिला स्तर का होता है जिसमें कोई भी जो संघ के विचारों से प्रभावित है वह शामिल हो सकता है। द्वितीय वर्ग उन संघ स्वंयसेवकों के लिए होता है जो संघ से जुड़े हैं और संघ का दायित्व देख रहे हैं। द्वितीय वर्ग के लिए चयन किया जाता है और चयनित स्वयंसेवक ही प्रांत स्तर पर शिक्षा वर्ग में शामिल होता है। संघ में तृतीय वर्ग काफी अहम होता है और यह नागपुर में होता है। इसमें देश भर के चुने हुए स्वयंसेवक हिस्सा लेते हैं। तगड़ी स्क्रूटनी से गुजरने के बाद ही किसी को तृतीय वर्ग के लिए चयनित किया जाता है। माना जाता है कि संघ के राज्यों में काम कर रहे जिस पदाधिकारी को तृतीय वर्ग के लिए चुना गया है उसे आगे चलकर संघ की बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी।

टिकट के कुछ दावेदारों ने जनसंघ के जमाने से उनके परिवार का इस विचारधारा से जुड़ने का जिक्र किया है। कई ऐसे दावेदार भी हैं जो खुद विश्व हिंदू परिषद से जुड़े रहने या फिर अपने परिवार के किसी सदस्य का वीएचपी में जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक किसी पद में रहने का जिक्र कर अपनी दावेदारी मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। संघ के एक सीनियर नेता ने माना कि जबसे मोदी सरकार आई है तब से ज्यादातर लोग खुद का संघ से पुराना जुड़ाव ढूंढ-ढूंढकर निकाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग भी जो पहले संघ से अपने जुड़ाव का जिक्र करने से कतराते थे वे अब हर मौके पर खुद को संघ से किसी न किसी तरह जुड़ा दिखाने की कोशिश कर रहे है।

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