भारत के टॉप 5 टेस्ट स्कोर के बारे में जानते हैं आप!

नई दिल्ली
सोमवार को भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे 5वें और अतिंम टेस्ट के चौथे दिन चेन्नै के चेपॉक स्टेडियम में करुण नायर ने 300 क्लब में एंट्री कर ली। इस क्लब में भारत से एकमात्र बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ही थे, जो बीते 12 साल से यहां अकेले थे। करुण से पहले भारत की ओर से सहवाग ही थे, जिन्होंने दो-दो बार 300 का यह आंकड़ा पार किया था।

सहवाग ने 2008 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ चेन्नै के एमए चिदंबरम स्टेडियम पर ही 319 रन बनाए थे और इससे पहले 2004 में पाकिस्तन के मुल्तान में उन्होंने 2004 में 309 रन बनाकर तिहरा शतक जड़ने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने थे। सोमवार को चेन्नै के एमए चिदंबरम मैदान पर जब 300 का यह आंकड़ा छुआ, तो उन्होंने भारतीय बल्लेबाजों द्वारा पूर्व में बनाए कई रेकॉर्ड याद दिला दिए।

जैसे- जब करुण ने 270 का आंकड़ा पार किया, तो यहां याद आई राहुल द्रविड़ की। 270 राहुल द्रविड़ का व्यक्तिगत उच्चतम स्कोर है, जिसे उन्होंने 2004 में पाकिस्तान के विरुद्ध रावलपिंडी में बनाया था। इसी तरह जब 281 का आंकड़ा छुआ, तो याद आए वीवीएस लक्ष्णण। वीवीएस ने 281 रन ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध 2001 में कोलकाता के ईडन गार्डन मैदान पर बनाए थे और जब वह नायर 293 के पार पहुंचे तो याद आई वीरेंद्र सहवाग की। सहवाग ने 2009 में मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में श्री लंका के खिलाफ यह यह स्कोर बनाया था। यहां वह अपने तीसरे तिहरे शतक से चूक गए थे।

शायद करुण सोमवार को सहवाग का 319 रन का रेकॉर्ड भी तोड़ देते, लेकिन जैसे वह 299 पर चौका जड़कर 303 के स्कोर पर पहुंचे, तो कप्तान विराट कोहली ने पारी घोषित कर दी। इस वक्त भारत का स्कोर 759/7 था, यह भारत की ओर से टेस्ट क्रिकेट में बनाया सर्वाधिक स्कोर है। अब भारत टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में 7वें नंबर पर है।

करुण ने अपने 303 रन पूरे करने के लिए 381 गेंदों का सामना किया। नायर ने 79.52 के स्ट्राइक रेट बैटिंग की, जिसमें उन्होंने 32 चौके और 4 छक्के भी लगाए। नायर ने अपने पहले 71 रन मैच के तीसरे दिन 136 गेंदें खेलकर बनाए थे। चौथे दिन अपनी पारी को 71 से आगे बढ़ाने वाले नायर ने चौथे दिन के पहले सत्र में 51 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने कुल 81 गेंदों का सामना किया। इसके बाद लंच करके आए नायर ने अपनी इनिंग में जबरदस्त गेयर शिफ्ट किया।

अगले सत्र में उन्होंने 73 रन जोड़े, जिसके लिए इस बार 85 गेंदों का सामना किया। वह इंग्लैंड के गेंदबाजों को ऐसे खेल रहे थे, जैसे कोई बच्चा अपने खिलौनों के साथ मनचाहा व्यवहार करता है। इंग्लिश स्पिनर्स पर उन्होंने जमकर स्वीप और रिवर्स स्वीप शॉट खेले। चाय के बाद उन्होंने 76 गेंदों पर तेजतर्रार 108 रन बनाए। और इस पारी की बदौलत वह 300 क्लब में शामिल हो गए।

अपने तीसरे टेस्ट में ही 80 के स्ट्राइक रेट से तिहरा शतक जड़ना इस बैट्समैन की क्षमता का परिचय देने के लिए काफी है। सहवाग ने जब पहली बार तिहरा शतक जमाया था, तो 300 रन बनाने के लिए उन्होंने 375 बोलों का सामना किया था और 82.40 के स्ट्राइक रेट से यह पारी खेली थी। इस पारी के दौरान सहवाग ने अपना हर शतक छक्के से पूरा किया था।

चार साल बाद दूसरी बार जब सहवाग ने 2008 में फिर से तिहरा शतक जड़ा तो इस बार उन्होंने साउथ अफ्रीका के डेल स्टेन, मकाया नितिनी और मोर्नी मोर्केल जैसी घातक गेंदबाजी अटैक को ध्वस्त किया। 319 रन की इस पारी में वीरू में महज 304 गेंदों का ही सामना किया और 104.93 के स्ट्राइक रेट यह रन बनाए। सहवाग ने अपनी इस पारी में 42 चौके और 5 छक्के लगाए थे।

इसी तरह सहवाग ने 2009 में मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में श्री लंका के खिलाफ तेजतर्रार 293 ठोक डाले। इस बार वीरू ने सिर्फ 254 गेंदों का ही सामना किया। वीरू ने अपनी इस पारी में 40 चौके और 7 छक्के जड़ कर श्री लंकाई गेंदबाजों की कमर ही तोड़ दी थी। इस बार उनका स्ट्राइक रेट 115.35 था। सोमवार को नायर द्वारा बनाया गया 303 का स्कोर किसी भारतीय द्वारा बनाया गया तीसरा उच्चतम स्कोर है।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

क्रिकेट समाचार, India vs England Cricket News in Hindi, Latest Cricket News – Navbharat Times