भारत की हाई स्पीड रेल परियोजनाओं में साझेदारी चाहता है रूस

सेंट पीट्सबर्ग

रूस के अधिकारी भारत के अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ तेज रफ्तार रेल योजना (हाई स्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट) पर साझेदारी के लिए बातचीत कर रहे हैं। यह बात यहां एक सीनियर रेल अधिकारी ने कही। रूसी रेलवे के अध्यक्ष ब्लादिमीर याकुनिन ने कहा कि तेज रफ्तार रेल लिंक पर वह भारतीय रेल के साथ साझेदारी करना चाहते हैं, क्योंकि रूस को इस क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल है।

याकुनिन ने सेंट पीट्सबर्ग इंटरनैशनल इकनॉमिक फोरम के इतर मौके पर संवाददाताओं से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि सामरिक और नागरिक क्षेत्र में टेक्नॉलजी के मोर्चे पर भारत और रूस का संबंध है और यह भविष्य में भी बने रहने की उम्मीद है। याकुनिन ने बताया कि उन्होंने खुद सीनियरमोस्ट भारतीय नेताओं और अधिकारियों के साथ भारत में सिग्नलिंग और अवसंरचना सुरक्षा बेहतर करने के लिए बात की है, ताकि भारतीय रेल मार्गों पर होने वाली दुर्घटनाओं को टाला जा सके। उन्होंने कहा कि इन दो मामलों में रूसी रेल के पास लेटेस्ट सिस्टम है।

उन्होंने कहा, ‘हालांकि, कुछ कारणों से दो साल पहले कई चरणों की बातचीत होने के बाद भी बातचीत सफल नहीं हो पाई।’ याकुनिन पिछले 10 सालों से रूसी रेल के प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि हाल में हाई स्पीड रेल लिंक को लेकर भारतीय अधिकारियों से बात हुई है। 66 वर्षीय याकुनिन को राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन का करीबी माना जाता है। यूक्रेन संकट पर अमेरिका और यूरोपीय संघ ने जिन लोगों पर प्रतिबंध लगाए हैं, उनमें याकुनिन भी शामिल हैं।

रूसी रेलमार्ग 85 हजार किलोमीटर लंबा है। इसके कर्मचारियों की संख्या 13 लाख है। रूसी रेल सालाना एक अरब यात्रियों को सेवा देता है और 1.2 अरब टन माल ढुलाई करता है। इस मामले में यह अमेरिका, चीन और भारत के बाद दुनिया में चौथे स्थान पर है। संकट से पूर्व के दिनों की तुलना में आज रूसी रेलवे की आमदनी में करीब 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

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