भगत सिंह की तरह व्यवहार क्यों कर रहे हैं : HC

नई दिल्ली
विधानसभा में नारे लगाने और पर्चा फेंकने के मामले में दो लोगों को जेल भेजने के विधानसभा अध्यक्ष के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर हाई कोर्ट ने सवाल उठाए। अदालत ने कहा कि इस मामले में रिट के तहत हेबिअस कॉर्पस की अर्जी पर कैसे सुनवाई हो सकती है। मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वे भगत सिंह की तरह क्यों व्यवहार कर रहे हैं। क्या यह स्वतंत्र देश नहीं है। हाई कोर्ट ने पर्चा फेंकने और नारेबाजी करने वालों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वे किसका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं। इन दोनों को स्पीकर ने 30 दिनों के लिए जेल भेजा है।

अदालत ने कहा कि अगर इस मामले में नियम के संवैधानिक वैलिडिटी पर सवाल उठाया जाता है, तो याचिका सुनवाई के लिए किसी के पास भेजी जा सकती है। अदालत ने याचिकाकर्ताओं से कहा है कि वे इस मामले में कल तक याचिका में बदलाव कर सकते हैं। ये दोनों याचिकाकर्ता सदन में दर्शक दीर्घा में थे और उन्होंने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए नारेबाजी की थी और पर्चे फेंके थे।

हाई कोर्ट ने विधानसभा की कार्यवाही के दौरान पर्चा फेंकने वाले युवकों द्वारा हिरासत को गैरकानूनी बताने पर हेबिअस कॉर्पस याचिका दायर करने पर सवाल उठाया। अदालत ने कहा, ‘आपने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कैद की सजा देने के निर्णय को चुनौती नहीं दी है।’ सुनवाई के दौरान दिल्ली विधानसभा स्पीकर की ओर से पेश राहुल मेहरा ने याचिकाकर्ता की उस दलील पर ऐतराज जताया कि उसका पक्ष नहीं सुना गया।

मेहरा ने कहा कि घटना सबके सामने सदन में हुई और सदन की अवमानना हुई थी। ऐसे में स्पीकर ने विशेषाधिकार के तहत आदेश पारित किया। याचिकाकर्ता जगदीप और राजन की ओर से पेश वकील प्रदीप राणा ने कहा कि उनके क्लाइंट ने ऐसा काम नहीं किया है कि सदन की अवमानना हुई हो। साथ ही सजा देने से पहले उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका नहीं मिला।

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