‘बेवफाई साबित करने का शार्टकट नहीं हो सकती नाबालिग बच्चे की डीएनए टेस्टिंग’, सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे निजता के अधिकार में हस्तक्षेप हो सकता है। कोर्ट ने कहा कि अगर किसी अदालत को साक्ष्यों से निष्कर्ष निकालना असंभव लगे या डीएनए टेस्ट के बिना विवाद का समाधान नहीं किया जा सकता हो तभी डीएनए टेस्ट का आदेश देना चाहिए।

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