बड़ा संकट: धरती पर कम हो सकती है ऑक्सिजन

लंदन
एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि समुद्र के तापमान में कुछ डिग्री की वृद्धि धरती पर ऑक्सिजन की मात्रा में कमी ला सकती है। इसकी वजह से बड़े पैमाने पर जानवरों और इंसानों की मौत होगी। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ लीसेस्टर के शोधार्थियों के अनुसार ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण ऑक्सिजन के स्तर में आने वाली कमी धरती पर जीवन के लिए बाढ़ से बड़ी विपदा होगी।

अध्ययन में बताया गया है कि वैश्विक समुद्र के तापमान में लगभग 6 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि, जो सन 2100 तक हो सकती है से ऑक्सिजन का उत्सर्जन बंद हो सकता है। यूनिवर्सिटी के गणित विभाग के प्रफेसर सर्गेई पेट्रोव्स्की ने बताया, ‘ग्लोबल वॉर्मिंग को विज्ञान और राजनीति का केंद्र बने हुए लगभग दो दशक हो चुके हैं। इससे आने वाली विपदा के बारे में कई सारी बातें कही गई हैं जिसमें सबसे कुख्यात इससे आने वाली वैश्विक बाढ़ है जो कि अंटाकर्टिक की बर्फ पिघलने से आएगी।’

उन्होंने कहा कि अब लग रहा है कि शायद मानवता के लिए यह अब सबसे बड़ा खतरा न हो। क्योंकि धरती की कुल ऑक्सीजन का दो तिहाई सिर्फ साइटोप्लैंक्टोन से उत्सर्जित होता है। इसलिए इनकी समाप्ति वैश्विक ऑक्सिजन के लिए खतरा होगी जिससे बड़े पैमाने पर जीवन का अंत हो सकता है।

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