नॉर्थ एमसीडी को सरकार से नहीं मिले 2630 करोड़ रुपये

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली

आर्थिक रूप से बदहाल नॉर्थ एमसीडी ने केंद्र से गुहार लगाई है कि दिल्ली सरकार नहीं दे रही उसके हिस्से के 2630 करोड़ रुपये। केंद्र से इस राशि को देने का आग्रह किया गया है और कहा गया कि इस राशि को केन्द्र सरकार द्वारा दिल्ली सरकार को दिए जाने वाले राजस्व हिस्से से काट ली जाए। इस मसले पर नेता व पार्षद मिलेंगे केन्द्रीय वित्त मंत्री से।

नॉर्थ एमसीडी की स्थायी समिति के अध्यक्ष तिलकराज कटारिया ने इस बाबत केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र लिखकर आर्थिक मजमून की पूरी जानकारी दी है और बताया है कि दिल्ली सरकार को यूनिट ऐरिया मैथड लागू करने पर प्रॉपर्टी टैक्स में हुई कमी की ऐवज में 475 करोड़ रुपये, चौथे वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार कम दिये गए 1616 करोड़ रुपये और प्राइमरी एजुकेशन पर खर्च की गई राशि में कम दिये गए 539 करोड़ रुपये अर्थात कुल 2630 करोड़ रुपये नॉर्थ एमसीडी को देना बकाया है। इन 2630 करोड़ रुपये भुगतान न करने के कारण नॉर्थ एमसीडी की अब तक की कुल देनदारियां 2421 करोड़ रुपये हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने यूनिट एरिया मैथड, प्रॉपर्टी टैक्स में लागू करवाते समय यह आश्वासन दिया था कि जब तक इसमे वित्तीय वर्ष 2003-04 की तुलना में कमी रहेगी तो उसकी पूर्ति दिल्ली सरकार द्वारा की जाएगी। लेकिन यह रकम आज तक नहीं दी गई।

उन्होंने यहभी बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा इकट्ठा किये गए बेसिक टैक्स में से नॉर्थ एमसीडी का साल 2012-13 का 280 करोड़ रुपये, साल 2013-14 का 270 करोड़ रुपये और वर्ष 2014-15 का 303 करोड़ रुपये का भुगतान नही किया गया। लेकिन इसे अपने खातों मे नगर निगम को देय राशि के खिलाफ किए गए भुगतान की तरह प्रदर्षित कर दिया गया। उनका आरोप है कि राजनीतिक दुर्भावनाओं के चलते दिल्ली सरकार जानबूझकर नॉर्थ एमसीडी को उसका बकाया भुगतान नहीं कर रही है, जिस कारण उसकी माली हालत लगातार गड़बड़ा रही है। इस बाबत नॉर्थ एमसीडी के सभी पार्षद व नेता जल्द केंद्रीय वित्त मंत्री से मिलकर अपना पक्ष रखेंगे।

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