तीन तलाक पीड़िताएं बोलीं- पूरी तरह बैन हो तीन तलाक, सजा हो सख्त, भेजा जाए जेल

शादाब रिजवी, मेरठ
तीन तलाक का बिल संसद में पेश होने के साथ ही उलेमा इसके विरोध पर कायम है। दारूल उलूम देवबंद भी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कदम के साथ खड़ा रहने की बात कर रहा, लेकिन तीन तलाक की पीड़ित दिल खोलकर सरकार के कदम का स्वागत कर रही हैं। महिलाओं का कहना है कि तीन तलाक पूरी तरह बैन होना चाहिए। सख्त कानून और सजा तय होन चाहिए। वेस्ट यूपी में तीन तलाक के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी वेस्ट यूपी में 30 से ज्यादा तलाक के मामले थाने और अफसरों के पास पहुंच चुके हैं।

अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को नाजायज करार दिया था। लेकिन उसके अगले दी दिन मेरठ के सरधना में एक शख्स पर सरेआम अपनी पत्नी को तीन बार तलाक कहने के आरोप लगे थे। एफआईआर हुई थी, आरोपी जेल गया था। पीड़िता अरशी निदा का कहना है कि तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद जिस तरह सरकार कानून बनाने के लिए बिल पेश कर रही है, उससे मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी बदल जाएगी। अरशी का कहना है कि छह साल पहले हुई शादी को एक झटके में अलग करने का फरमान सुना देना बड़ा दर्द हैं। मेरठ के नरहड़ा गांव निवासी दो बहनों अमरीन और फरहीन की शादी गांव में ही दो सगे भाईयों से हुई थी। विवाद हुआ। दोनों को तलाक दे दिया। दोनों का कहना है कि सरकार ने तलाक का दर्द झेल रही महिलाओं के लिए अच्छा कदम उठाया है। साथ ही दूसरी महिलाओं को इस दर्द से बचा लिया हैं। जो भी इस कानून का विरोध करेगा वह महिलाओं का भी विरोधी है। मेरठ के सिवाल खास में तो इसी महीने शौहर पर तीन तलाक देकर दूसरा निकाह रचाने की साजिश कर डाली। पीड़िता कौसर का कहना है कि सिंघावली में शादी के बाद दो बच्चे हुए। दहेज की मांग को लेकर पति और परिजनों की मार भी बर्दाश्त की। उसके पति ने फर्जी तलाकनामा बनाकर उसे घर से निकालकर दूसरी शादी कर रही हैं। कौसर का कहना है कि पति को मनमानी का हक खत्म होना चाहिए। हर हार में तीन तलाक खत्म होना चाहिए। ताकि मुस्लिम महिलाएं बेहतर जिदंगी जी सके।

बुलंदशहर के सिकंदराबाद निवासी शाइदा परवीन का निकाह 2005 में हुआ। एक बेटी की मां भी हैं। पति ने तीन बार तलाक कहकर शायदा को घर से निकाल दिया था। वह बेटी के साथ पिता के घर रहकर कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं। उसका कहना है कि जब निकाह लिखी पड़ी मे होता है, तब तलाक सिर्फ तीन बार बोल देने से क्यों होता हैं। वह भी लिखा पढ़ी में हो। एक दूसरे की गलतियों की जानकारी की जाए। संसद में बिल के जरिए तीन तलाक को पूरी तरह रद्द किया जाना चाहिए।

सिकंद्राबाद की शबनम का निकाह अलीगढ़ में हुआ। तीन महीने बाद ही पति ने तीन बार तलाक बोलकर घर से निकाल दिया। पिता का यह रही शबनम का कहना है कि तीन तलाश पूरी तरह गैरकानूनी और असंवैधानिक है। तलाक पर देश का कानून लागू होना चाहिए।सरकार जो कदम उठा रही है वह सही हैं। फरजाना का निकाह नोएडा के कासना में हुआ। मामूली विवाद पर ही तीन तलाक बोलकर उसको घर से बाहार का पति ने दिखा दिया। पिता के यहां रह रही फरजाना का कहना है कि तीन तलाक ने मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी बर्बाद कर दी। इसको खत्म करना जरूरी हैं।

मुजफ्फरनगर में तीन तलाक से पीड़ित महिला नाजिया खां ने संसद मे इसको लेकर बिल लाने पर खुलकर केंद्र सरकार की तारीफ की है। नाजिया खां का निकाह सहारनपुर के खलील उल्लाह के साथ हुई था। एक बेटी है। पति ने बिना किसी वजह के तीन बार तलाक लिखकर उसे छोड़ दिया था। तभी से नाजिया हक़ के लिए लड़ रही है। नाजिया का कहना है कि तीन तलाक देने वालों को जेल होनी चाहिए। इनकी संपत्ति को पत्नी के निकाहनामे के आधार पर जब्त करके तहसील में ले जाकर बेचने का सरकार अधिकार पास करे। तीन तलाक औरतों के लिए मौत समान है। हमारे समाज में छुटी हुई महिला को बहुत ही हीन दृष्टि से देखा जाता है। अब न्याय मिल सकेगा। बिजनौर की अरीबा को उसके पति ने विदेश से ही तलाक बोल दिया था वह कानूनी लड़ाई लड़ रही। अरीबा को अम्मीद है कि नए कानून के तहत उसको इंसाफ मिल जाएगा। उसका कहना है कि इस कानून को बहुत पहले लागू हो जाना चाहिए था।

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