जीएसटी का 15 फीसदी शहरों पर होगा खर्च

नई दिल्ली
मोदी सरकार गुड्स ऐंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) को अगले साल से लागू करना चाहती है। लेकिन वह जीएसटी के साथ नई शर्त जोड़ने जा रही है। इस शर्त के अनुसार जीएसटी लागू होने के बाद सभी राज्यों को जीएसटी से मिलने वाले धन का एक तय हिस्सा अपने शहरों के इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने पर लगाना जरूरी होगा। हालांकि अभी इसका प्रतिशत तय नहीं हुआ है, मगर सूत्रों का कहना है कि यह कुल राशि का 10 से 15 प्रतिशत तक हो सकता है। इस बारे में वित्त मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय के बीच लंबी बातचीत हो चुकी है।

दोनों मंत्रालयों में यह सहमति है कि जीएसटी लागू होने के बाद सभी तरह के लोकल टैक्स समाप्त हो जाएंगे। ऐसे में शहरों के इंफ्रास्ट्रक्चर का काम देखने वाली लोकल बॉडी यानी स्थानीय निकायों के पास आमदनी का जरिया काफी सीमित हो जाएगा। ऐसे में शहरों के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए फंड का संकट आ सकता है। वित्त मंत्रालय के उच्चाधिकारी के अनुसार इस मामले में पीएमओ से बातचीत लगभग पूरी हो गई है। सैद्धांतिक तौर पर यह माना जा रहा है कि यह प्रावधान शहरों के विकास के लिए जरूरी है।

जीएसटी लागू होने के बाद आक्ट्राय, एंट्री टैक्स और एंटरटेनमेंट टैक्स खत्म हो जाएंगे। बिजली की बिक्री पर लोकल टैक्स भी खत्म हो जाएगा। ऐसे में शहरों में इंफ्रास्ट्रक्चर का काम देख रही लोकल बॉडीज के लिए आमदनी जुटाना मुश्किल होगा। इसमें वॉटर सप्लाई, फायर सर्विस, शहरी गरीबी, रोड एंड ब्रिज व शहरों के आर्थिक व सामाजिक विकास का काम देख रही लोकल बॉडीज शामिल हैं। इसके अलावा सांख्यिकी मंत्रालय ने ताजा रिपोर्ट में कहा है कि शहरों में आबादी बढ़ रही है। अब शहरों की आबादी कुल आबादी के परिप्रे‌क्ष्य में 40 प्रतिशत से ज्यादा पहुंच गई है। ऐसे में शहरों को जल्दी विकसित करने का दवाब भी बढ़ गया है।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

Navbharat Times