चुनाव आयोग ने संसदीय सचिवों के बारे में मांगी जानकारी

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली

लाभ के पद को लेकर परेशानी झेल रहे दिल्ली सरकार के 21 संसंदीय सचिवों पर एक बार फिर परेशानी के बादल मंडराने लगे हैं। केंद्रीय चुनाव आयोग ने दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी को एक पत्र लिखा है और उनसे इन सचिवों को दी गई सुविधाओं की डिटेल जानकारी मांगी है। चीफ सेक्रेटरी ने इस बाबत मातहत अफसरों को डिटेल देने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं।

सरकार के 21 संसदीय सचिवों की सदस्यता खत्म करने का मसला पिछले कुछ माह से चुनाव आयोग में चल रहा है। सरकार ने अपने 21 विधायकों को विभिन्न विभागों में जोड़ने के लिए उन्हें संसदीय सचिव का दर्जा दिया था, जिसके खिलाफ राष्ट्रपति को याचिका भेजी गई थी। राष्ट्रपति ने मामले की सुनवाई आयोग को दे दी थी। यह सुनवाई अंतिम चरण में है। इस बीच चुनाव आयोग ने हाल ही में दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी केके शर्मा को एक पत्र लिखा है और उनसे इन 21 संसदीय सचिवों को दी गई सुविधाओं की जानकारी मांगी है। सूत्र बताते हैं कि इनमें उन्हें दिए गए कार्यालयों और वहां दी गई सुविधाएं, टेलीफोन खर्च, वाहन की सुविधा, ड्राइवरों की बहाली और उन्हें दिए गए स्टाफ की डिटेल जानकारी भेजने को कहा गया है।

सूत्र बताते हैं कि मामले की गंभीरता को देखते हुए चीफ सेक्रेटरी ने अपने मातहत सभी प्रिंसिपल सेक्रेटरी, सेक्रेटरी और विभाग प्रमुखों को आदेश जारी कर दिया है कि वे इन संसदीय सचिवों को सरकार द्वारा दी गई सुविधाओं की पूरी डिटेल भेजें ताकि उसे चुनाव आयोग में भेजा जा सके। सूत्र बताते हैं कि जून माह में भी आयोग ने इसी प्रकार की जानकारी सरकार से मांगी थी। लेकिन सरकार से उसे जो जानकारी भेजी गई थी, उससे आयोग संतुष्ट नहीं हुआ था। इसलिए एक बार फिर से सरकार से इस बाबत जानकारी मांगी गई है। सूत्र बताते हैं कि इस बार आयोग ने दी गई सुविधाओं को प्वांइट आउट किया है और चीफ सेक्रेटरी से इसी आधार पर डिटेल मांगी है।

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