चुनावी ऐफिडेविट पर केजरीवाल को समन

वरिष्ठ संवाददाता, पटियाला हाउस दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अदालत ने चुनावी ऐफिडेविट में झूठी जानकारी देने के आरोप वाली शिकायत पर समन किया है। मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया ने सीएम को 30 जुलाई को अदालत में पेश होने का आदेश देते हुए कहा कि रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट, 1950 की धाराएं 125ए (गलत ऐफिडेविट फाइल करने के लिए जुर्माना), 31 और आईपीसी की धारा 177 (गलत जानकारी देना) के तहत समन करने के लिए पर्याप्त सबूत रिकॉर्ड में मौजूद हैं। अदालत ने इस बात पर गौर किया कि आरोप उनके मुख्यमंत्री बनने से पहले के हैं। कोर्ट ने यह आदेश नीरज सक्सेना और अनुज कुमार अग्रवाल की उस शिकायत पर दिया गया, जिसमें सीएम पर दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान भरे गए ऐफिडेविट में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया गया है। ‘मौलिक भारत ट्रस्ट’ नाम से ऑफिस चलाने वाले शिकायतकर्ताओं के मुताबिक उन्होंने 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव शुरू होने से पहले कई चुनाव प्रचारों और वोटर्स अवेयरनेस का आयोजन किया। उन्होंने दलील दी कि कथित आरोपी ने रिटर्निंग ऑफिसर के पास 16 नवंबर 2013 में दिए गए अपने ऐफिडेविट में इंदिरापुरम, गाजियाबाद के अभय खंड-II स्थित अपनी अचल संपत्ति के बारे में गलत जानकारी दी। आरोप के मुताबिक अरविंद केजरीवाल ने खुद को दिल्ली के हनुमान रोड स्थित 21 नंबर बंगले का निवासी बताया, जबकि वह और उनका परिवार कौशांबी, गाजियाबाद स्थित गिरनार अपार्टमेंट में रह रहे थे। आरोप है कि उन्होंने खुद को दिल्ली निवासी दिखाने के लिए ऐसा किया। उन्होंने इंदिरापुरम में अपने प्लॉट की कीमत के बारे में भी गलत जानकारी दी। उन्होंने उस प्लॉट की कीमत 55 लाख बताई जबकि सरकार के मौजूदा सर्कल रेट के मुताबिक उसकी कीमत 63,000 प्रति वर्ग मीटर है। इस हिसाब से उनके इस प्लॉट की कीमत 1,48,46,390 और मार्केट प्राइस 2.2 करोड़ के करीब बैठती है। यह भी आरोप है कि केजरीवाल ने अपनी आय का जरिया बताए बिना ही सालाना कमाई 2,05,600 बताई। उन्होंने गिरनार स्थित अपनी दूसरी संपत्ति का भी खुलासा नहीं किया।

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