किडनैपिंग के नाटक में शामिल न होने पर दोस्तों ने कर दी हत्या

गाजियाबाद
किडनैपिंग का नाटक कर पिता से रुपये मांगने की प्लानिंग में शामिल न होने कारण 16 साल के किशोर की सिर कुचल कर हत्या कर दी गई। एसएसपी वैभव कृष्ण ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि मृतक के एक नाबालिग दोस्त और उसके साथी विराट को गिरफ्तार किया है। इस मामले में एक आरोपी विशाल फरार है।

जानकारी के अनुसार, वैशाली सेक्टर-2 में रहने वाले प्रमोद शर्मा दिल्ली के एक कांग्रेस नेता के मैनेजर हैं। उनका बड़ा बेटा आयुष (16 साल) 9वीं कक्षा में पढ़ता था।

कुछ दिन पहले ही आरोपी से हुई थी दोस्ती
करीब 15 दिन पहले आयुष का अपने घर के पास किसी से झगड़ा हो गया था। इस दौरान आरोपी नाबालिग ने उसे बचाया था। इसके बाद दोनों में दोस्ती हो गई और दोनों मिलने लगे। इस बीच नाबालिग छात्र के एक दोस्त (विराट) ने आयुष को देखा, तो उसके बारे में पूछा।

नाबालिग ने जब उसके अच्छे घर से संबंध रखने के बारे में बताया, तो विराट ने आयुष की किडनैपिंग का नाटक कर रुपये निकालने का प्लान तैयार किया। इसके लिए उसने अपने नाबालिग दोस्त का सहारा लिया और हत्या से 10 दिन पहले आयुष को कॉल कर पीडीएफ फाइल कन्वर्ट करने की बात कही। इसपर आयुष तैयार हो गया। इस कॉल के बाद बीच में आरोपी विराट ने 2 बार आयुष से मुलाकात की। 13 अप्रैल को भी विराट ने आयुष को कॉल किया था।

विरोध करने पर उसी दिन कर दी थी हत्या
पुलिस के अनुसार 16 अप्रैल को विराट ने पहले आयुष की मम्मी के नंबर पर कॉल किया और उसे मोबाइल दिलवाने की बात कही। उसकी मम्मी ने फोन यह कह कर काट दिया कि आयुष के पास मोबाइल है। इसके बाद विराट ने आयुष के मोबाइल पर कॉल किया और पीडीएफ के काम के लिए वैशाली मेट्रो स्टेशन के पास आने को कहा। वहां दोपहर करीब 2 बजे आयुष के पहुंचने से पहले विराट, विशाल और नाबालिग छात्र (आयुष का दोस्त) भी मौजूद था।

इस दौरान विराट ने आयुष को नकली किडनैपिंग और उसके पिता से रुपये मांगने की प्लानिंग के बारे में बताया। इस पर आयुष नाराज हो गया। ये देख उसने इसे मजाक बताकर काम के लिए चलने को कहा। तीनों आरोपी आयुष को बाइक पर बैठाकर उसे एनएच-24 पर ले गए। वहां उन्होंने कोड ड्रिंक में कुछ नशीला पदार्थ देकर उसे पिला दिया। वैभव कृष्ण के अनुसार, विराट ने किसी को अपनी गारंटी पर 2 लाख 30 हजार रुपये दिलवाए थे। जिसने पैसे लिए थे वह रुपये नहीं लौटा रहा है, ऐसे में उसे परेशान किया जा रहा था। इस कर्ज को चुकाने के लिए ही उसने ये प्लानिंग की थी।

एसएसपी ने बताया कि काफी घुमाने के बाद आरोपी आयुष को रात करीब 9 बजे ग्रेटर नोएडा के इकोटेक-3 के खाली पार्क के पास लेकर गए। वहां आयुष के होश में आने के बाद विराट ने एक बार फिर अपनी प्लानिंग के बारे में बताया। इस पर आयुष ने फिर इसका विरोध किया, इसके बाद दोनों पक्षों में झगड़ा हो गया। इस पर विराट ने आयुष को धक्का दे दिया। इससे उसे चोटें आईं।

तीनों आरोपियों को लगा कि अब वह मामले की शिकायत परिवार से करेगा और वे फंस जाएंगे। इससे बचने के लिए तीनों ने सिर कुचल कर आयुष की हत्या कर दी और शव को पानी से भरे गड्ढे के अंदर छिपाकर पत्थर से ढक दिया। जब आयुष रात को घर नहीं लौटा, तो परिवार वालों ने 17 अप्रैल को इंदिरापुरम थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें विराट का जिक्र किया गया था।

कैसे आए पकड़ में
एसएसपी ने बताया कि परिवार की शिकायत में एक आरोपी का नाम था। इसके बाद पुलिस ने आयुष की कॉल डीटेल निकाली। इसमें पता चला कि आयुष के मोबाइल पर आखिरी कॉल 16 अप्रैल को आई थी और यह कॉल विराट ने की थी। यही नहीं विराट इससे पहले भी आयुष को कॉल कर चुका था। ऐसे में पुलिस को शक हुआ। पुलिस ने उसका नंबर सर्विलांस पर लगा दिया।

शुक्रवार को पुलिस ने विराट और नाबालिग छात्र को पकड़ लिया। पूछताछ में उन्होंने गुनाह कबूल किया और उनकी निशानदेही पर पुलिस ने आयुष का शव ग्रेटर नोएडा से ही बरामद कर लिया। एसएसपी ने बताया कि नाबालिग आरोपी इंदिरपुरम के एक स्कूल में 10वीं कक्षा का छात्र है।

एथिकल हैकर बनना चाहता था आयुष
एसएसपी ने बताया कि आयुष नौंवी क्लास में एक बार फेल हो गया था। हालांकि वह कंप्यूटर में काफी तेज था। परिवार से बातचीत में सामने आया कि वह आगे चल कर एथिकल हैकर बनना चाहता था। नाबालिग आरोपी के माध्यम से आयुष के कंप्यूटर में तेज होने का पता चलने के कारण ही विराट ने पीडीएफ कन्वर्ट करने के बहाने उसे बुलाया था।

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