औरैया के बिधूना थाने के पुलिसकर्मी रखते हैं बेसहारा बुजुर्ग महिला का ख्याल

कानपुर

पुलिस के लिए अक्सर संवेदनहीन और बदतमीन जैसे शब्द इस्तेमाल होते हैं लेकिन औरैया जिले के बिधूना थाने में ये झूठे साबित होते हैं। करीब 2 साल से इस थाने के पुलिसकर्मी और उनके परिवार 75 साल की एक बेसहारा महिला सोनवती (75) का परिवार बने हुए हैं। थाने के पुलिसवाले ही अब उनके बेटे-बेटियां हैं।

थाने के पुलिसकर्मियों के अनुसार, सोनवती जब बिधूना थाने में आई थीं, काफी परेशान थीं। डंडे के सहारे चलती थीं, पैरों में चप्पलें तक नहीं थीं। कहते हैं कि वह बेटों की बेरुखी से आहत थीं। चाहती थीं कि पुलिस एक्शन ले। लेकिन न ठीक-ठीक घर का पता बता पा रही थीं, न कोई और जानकारी दे पाईं।

पुलिसवालों ने उनके परिजनों के तलाश करने की कोशिश की लेकिन कुछ पता न चला। ऐसी हालत में बुजुर्ग को छोड़ना पुलिसवालों ने ठीक न समझा और उन्हें थाने में ही रख लिया।

इसके बाद से सोनवती को पूरे थाने के पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों के बीच अम्मा का दर्जा मिल गया। तब से वह दिन में थाना परिसर में और आस-पास ही रहती हैं। अम्मा थाने की मेस में खाना खाती हैं। वह जब भी वहां पहुंचती हैं, कर्मचारी उन्हें खिलाते हैं। थाने के हेड मोहर्रिर सुरेश मिश्रा की पत्नी, अम्मा के खाने-पीने का ख्याल रखती हैं। अगर कभी मेस में खाना देर से बनता है तो वह उन्हें खाना देती हैं।

बिधूना थाना के एसएचओ विक्रमजीत सचान ने बताया कि वे अम्मा की सारी जरूरतें आपसी सहयोग से पूरी करते हैं। कभी-कभी वह गुस्सा भी करती हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं देता। अफसर-कर्मचारी भले ही बदलते रहें, अम्मा का यहां ख्याल हमेशा रखा जाएगा।

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