ऑड-ईवन : एनजीटी में फिर याचिका दाखिल करेगी सरकार

नई दिल्ली
ऑड-ईवन स्कीम को लागू कराने के लिए दिल्ली सरकार रविवार को एक बार फिर एनजीटी में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी। शनिवार को एनजीटी ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह तमाम तरह की छूट खत्म करके ऑड-ईवन लागू करे। हालांकि, सरकार ने इस पर असमर्थता जताते हुए सोमवार से ऑड-ईवन लागू करने का प्लान स्थगित कर दिया था।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार एनजीटी के समक्ष दो मुद्दे उठाएगी। एक तो महिला सुरक्षा का हवाला देते हुए सरकार उन्हें छूट दिए जाने की पुरजोर वकालत करेगी। इसके लिए महिला सुरक्षा से जुड़े आंकड़ों को पेश करने के साथ-साथ कामकाजी महिलाओं की तादाद, उनके वर्किंग ऑवर्स को बताया जाएगा। यह बताने की कोशिश की जाएगी कि अगर महिलाओं को छूट नहीं दी गई, तो किस तरह से उनकी सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है और दिल्ली सरकार इस मामले में किसी तरह का समझौता करने के मूड में नहीं है।

इसके अलावा सरकार एनजीटी को बताएगी कि दिल्ली में इस वक्त करीब 66 लाख टू वीलर्स हैं। साथ ही पड़ोसी राज्यों से भी बड़ी तादाद में लोग कामकाज के सिलसिले में टू वीलर्स के जरिए ही दिल्ली आते-जाते हैं। ऐसे में अगर ऑड-ईवन के दौरान 15 से 20 लाख टू वीलर्स कहां जाएंगे क्योंकि हर जगह पब्लिक ट्रांसपोर्ट के जाने की सुविधा नहीं है। सरकार आंकड़ों के जरिए यह भी बताने की कोशिश करेगी कि टू वीलर्स से उतना पलूशन नहीं होता, जितना कारों, एसयूवी या पेट्रोल-डीजल से चलने वाले बड़े वाहनों से होता है।

सरकार के सूत्रों ने साफ कर दिया है कि अगर एनजीटी महिलाओं और टू वीलर्स को छूट देने के लिए राजी नहीं होती है, तो ऑड-ईवन लागू कर पाना मुश्किल होगा। यही वजह है कि सरकार ऑड-ईवन के साथ-साथ दूसरे विकल्पों पर भी काम कर रही है। इसी कड़ी में सोमवार को पवन हंस लिमिटेड के अधिकारियों के साथ पर्यावरण विभाग के अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण मीटिंग होने जा रही है, जिसमें यह तय होगा कि दिल्ली में हेलिकॉप्टर के जरिए पानी का छिड़काव या कृत्रिम बारिश किस तरह और कब की जा सकती है। वैसे पवन हंस के अधिकारी पहले ही साफ कर चुके हैं कि यह काम उतना आसान नहीं है, क्योंकि इसके लिए ट्रेंड लोग और खास उपकरणों की जरूरत पड़ेगी।

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