आगराः स्कूलों में रसोइए करा रहे परीक्षाएं, शिक्षक कर रहे सर्वे

आगरा
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग में बिना शिक्षकों के ही अर्ध वार्षिक परीक्षाएं हो रही हैं। आगरा जिले के 80 फीसदी बेसिक शिक्षक वोटर लिस्ट बनाने में जुटे हैं और स्कूलों में बिना उनकी उपस्थिति के परीक्षाएं हो रही हैं।

शिक्षकों की मानें तो उन लोगों की ड्यूटी डोर टू डोर सर्वे में लगाई गई है। जिला प्रशासन ने उन लोगों को सख्त निर्देश दिए हैं कि डोर टू डोर सर्वे के बाद वोटर लिस्ट तैयार करें। इस निर्देश के कारण शिक्षकों ने स्कूल जाना बंद कर दिया है।

उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन की सख्य निर्देशों का अगर वे पालन नहीं करेंगे तो उन पर कार्रवाई होगी। उन लोगों का स्कूल में जाकर बच्चों को पढ़ाने से ज्यादा जरूरी वोटर लिस्ट तैयार करना है।

नगला रामबल प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि उनके स्कूल में दो शिक्षक हैं। दोनों की ड्यूटी वोटर लिस्ट के सत्यापन कार्य में लगा दी गई है। यह ड्यूटी जिला प्रशासन ने लगाई है। अब उनके स्कूल में एक भी शिक्षक नहीं बचा है।

स्कूल में परीक्षा के बाद उन लोगों को बच्चों के लिए मिड डे मील और मिड डे मील के बाद के खाने का इंतजाम करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि क्योंकि वे लोग स्कूल की बजाए सर्वे कर रहे हैं इसलिए स्कूल के रसोइए को बच्चों की देखरेख करने को कहा गया है।

उत्तर प्रदेश प्राइमरी स्कूल टीचर्स असोसिएशन के शहर अधयक्ष राजीव वर्मा ने बताया कि शिक्षकों की पढ़ाने के अतिरिक्त अन्य कई कामों में ड्यूटी लगा दी जाती है। कभी पोलियो के काम में तो कभी चुनाव के पहले, चुनाव के दौरान और चुनाव के बाद भी ड्यूटी करनी पड़ती है।

इससे शिक्षकों को बहुत समस्या होती है। खासकर महिला शिक्षकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। स्कूल के बाद महिला शिक्षकों को अंधेरा होने के बाद घर-घर जाकर सर्वे करना पड़ रहा है।
महिला शिक्षिकाओं की सुरक्षा का जिम्मा विभाग का नहीं है। महिलाओं को एक साथ दो बड़ी ड्यूटी दे दी गई हैं विभाग ने यह नहीं सोचा की महिलाएं एक साथ यह कैसे कर पाएंगी।

सूत्रों की मानें तो अधिकांश स्कूलों में शिक्षकों ने स्कूल की परीक्षा कराने का जिम्मा शिक्षामित्रों को दे दिया है। आश्चर्य की बात तो यह है कि कई स्कूलों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और रसोइए परीक्षाएं करा रहे हैं।

आगरा शहर में लगभग 166 बेसिक शिक्षा के स्कूल हैं। इन स्कूलों में 14,000 बच्चे पढ़ते हैं। इन्हें पढ़ाने के लिए 200 शिक्षक जिले में तैनात हैं। एडी बेसिक गिरजेश चौधरी ने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देशों का पालन करना उन लोगों की मजबूरी है। शिक्षकों को उनकी दोनों ड्यूटी करनी है। उन्होंने बताया कि विभाग अतिरिक्त शिक्षकों को लाने का प्रयास कर रहा है ताकि स्कूलों में परीक्षाएं कराई जा सकें। जिन स्कूलों में बिना शिक्षकों के परीक्षा हो रही है वहां इन शिक्षकों को रखा जाएगा।

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