अब जलभराव को लेकर चल रही है रस्साकशी

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली

नालों की सफाई और जलभराव को लेकर जिस तरह पीडब्ल्यूडी व एमसीडी में तकरार और आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है, उसको देखकर साफ लग रहा है कि बारिश हुई तो कई इलाकों में पानी भरेगा। इस मसले पर एमसीडी अपना पक्ष मजबूत मान रही है और ट्रैफिक पुलिस की उस रिपोर्ट का हवाला दे रही है, जिसमें बताया जा रहा है कि जलभराव में पीडब्ल्यूडी के इलाके सबसे अधिक हैं।

नॉर्थ एमसीडी कमिश्नर पीके गुप्ता की ओर से जो जानकारी दी गई है उसके अनुसार नॉर्थ एमसीडी ने अपने इलाकों के सभी नालों की 100 प्रतिशत सफाई करवा ली है और इस सफाई अभियान में 1808 मीट्रिक टन गाद निकाली जा चुकी है। जलभराव को लेकर कमिश्नर ने दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की एक रिपोर्ट का हवाला दिया है। जिसमें इस बात की जानकारी दी गई है कि राजधानी में करीब 370 इलाके ऐसे हैं, जहां जलभराव की संभावना है। इनमें से 110 इलाके नॉर्थ एमसीडी में आते हैं। इनमें भी 106 इलाके पीडब्ल्यूडी के अधिकार क्षेत्र में आते हैं, इससे साफ पता चलता है कि जलभराव हुआ तो उसके लिए दोषी कौन होगा। जिन इलाकों में पानी भर सकता है, उनमें पुरानी दिल्ली के बर्फखाना चौक, बुलवर्ड रोड, लौथियान चौक, छत्ता रेल, देशबंधु गुप्ता रोड, यमुना बाजार, तीस हजारी कोर्ट, जेपी अस्पताल, सिविक सेंटर आदि शामिल हैं।

कमिश्नर का दावा है कि एमसीडी की ओर से बरसाती पानी की निकासी के लिए खासे इंतजाम किए गए हैं, इनमें 22 स्थायी पंपिंग स्टेशन भी शामिल हैं। इसके अलावा 142 पोर्टेबल पंप भी तैयार रखे गए हैं, जिन्हें आवश्यकतानुसार प्रभावित इलाकों में भेज दिया जाएगा। उन्होंने माना कि सफाई सिस्टम में आने वाली मशीनों की कमी चल रही है। नॉर्थ एमसीडी के पास सैक्शन व जेटिंग मशीनें उपलब्ध नहीं है। इन्हें खरीदने के लिए एमसीडी के पास फंड की कमी है, जो खत्म नहीं हो पा रही है। दूसरी ओर नालों की सफाई को लेकर दिल्ली सरकार ने माना है कि पीडब्ल्यूडी से खासी लापरवाही हुई है, इसको लेकर विभाग प्रमुख अश्विनी कुमार पर आरोप लगाए थे, लेकिन उन्होंने किसी भी कोताही से इनकार कर दिया है। इस मसले पर सरकार की ओर से कुमार पर एक्शन लेने का निर्णय लिया गया है, लेकिन राजनिवास की ओर से इसकी इजाजत नहीं दी गई है। वैसे पीडब्ल्यूडी मंत्री ने यह भी दावा किया है कि जलभराव से निपटने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। फिलहाल बारिश आने के बाद ही पता चल पाएगा कि किसके दावे में कितना दम है।

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