USL से निकले माल्या लेकिन दो लाख निवेशक अभी भी फंसे हैं किंगफिशर में

नई दिल्ली
यूनाइटेड स्पिरिट्स से निकलने के लिए उसके मुख्य प्रमोटर विजय माल्या के साथ उसके नए प्रबंधन की 515 करोड़ रुपये की डील हुई। इस पर किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज देने वालों की नजर लग गई है, लेकिन यह विडंबना ही है कि अभी भी दो लाख से अधिक निवेशक हैं जिनके पास किंगफिशर एयरलाइंस के शेयर पड़े हैं और उसमें उनका निवेश फंसा है।

यूनाइटेड स्पिरिट्स की नई मालिक डायाजियो ने कंपनी छोड़ने के एवज में माल्या को उनके कार्यकाल में यूबी समूह की कंपनियों के साथ की गई वित्तीय गड़बड़ियों के संबंध में उनकी सभी व्यक्तिगत देनदारियों से मुक्त कर दिया। हालांकि, यूनाइटेड स्पिरिट लिमिटेड ने कहा है कि यूनाइटेड ब्रूअरीज होल्डिंग्स लिमिटेड (यूबीएचएल) से 1,337 करोड़ रुपये का ऋण बातचीत और दूसरे कानूनी उपायों से वसूला जाएगा।

यह काफी रोचक बात है कि यूबीएचएल का बाजार पूंजीकरण अब केवल 148 करोड़ रुपये रह गया है। कंपनी के 51 हजार से अधिक शेयरधारक हैं जिनमें 50 हजार के करीब छोटे खुदरा निवेशक हैं। इनमें अन्य शेयरधारकों में 14 म्यूचुअल फंड, 14 बैंक, वित्तीय संस्थान, 10 विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक, एक बीमा कंपनी, एक सरकारी कंपनी और 100 के करीब धनी निवेशक शामिल हैं।

किंगफिशर एयरलाइन लंबे समय से बंद पड़ी है। उसके शेयरों में भी कारोबार नहीं हो रहा है। प्राइवेट सेक्टर की इस प्रमुख कंपनी पर भारतीय स्टेट बैंक सहित कई बैंकों का करोड़ों रुपये बकाया है। स्टेट बैंक के नेतृत्व में कई बैंक विजय माल्या, किंगफिशर एयरलाइंस और यूबीएचएल को जानबूझ कर कर्ज नहीं चुकाने वाला घोषित कर चुके हैं।

अब कहा जा रहा है कि बैंकों की निगाह 7.50 करोड़ डॉलर (515 करोड़ रुपये) की उस राशि पर है जो कि डायाजियो ने माल्या के यूनाइटेड स्पिरिट के चेयरमैन पद और गैर-कार्यकारी निदेशक पद छोड़ने के लिए उनके साथ की है। इस कंपनी में यूबी समूह ने अपनी बहुमत हिस्सेदारी डायाजियो को बेच दी थी।

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